मुजफ्फरनगर दंगा : BJP नेताओं के खिलाफ केस वापस लेगी योगी सरकार!
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगों में बीजेपी नेताओं के खिलाफ दर्ज हुए केस वापस लेने की तैयारी में है। इसके लिए कोर्ट ने इस मामले में केस वापस लेने की संभावना पर रिपोर्ट मांगी है। न्याय विभाग ने DM और SSP को चिट्ठी लिख कर इन मुकदमों के बारे में जानकारी मांगी है। यह जानकारी राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी की तरफ से जिलाधिकारी को लिखे गए पत्र में मिली है। उत्तर प्रदेश के न्याय विभाग में विशेष सचिव राज सिंह ने 5 जनवरी को यह पत्र जिलाधिकारी को लिखा है। इसमें 13 बिंदुओं पर जवाब मांगा है, जिनमें जनहित में मामलों को वापस लिया जाना भी शामिल है।
इस पत्र में मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का विचार भी मांगा गया है। पत्र में बीजेपी नेताओं के नाम का जिक्र तो नहीं है, लेकिन उनके खिलाफ दर्ज मामलों की फाइल संख्या का जिक्र है। इसके तहत जिन लंबित आपराधिक मामलों में रिपोर्ट मांगी गई है, उनमें यूपी के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और सांसद संजीव बालियान, सांसद भारतेंदु सिंह, सांसद हुकुम सिंह और विधायक उमेश मलिक शामिल हैं। बता दें कि ये सभी मुजफ्फऱनगर दंगा मामले में आरोपी हैं। इन सभी आरोपियों के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने, नौकरशाहों के काम में बाधा डालने के लिए विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज हैं।
27 अगस्त 2013 को मुजफ्फर नगर जिले के कवाल गांव में जाट-मुस्लिम हिंसा के साथ यह दंगा शुरू हुआ था। यहां 27 अगस्त को शाहनवाज और सचिन व गौरव की हत्या के बाद हिंदुओं व मुस्लिमों में मतभेद बढ़ गए, जो दंगे के रूप में बदल गए। इन दंगों में करीब 50 लोगों की मौत हुई थी व सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे। इन दंगों को भड़काने के लिए अराजक तत्वों ने सोशल मीडिया पर जमकर अफवाहें फैलाई थी।
Created On :   20 Jan 2018 9:13 PM IST