मुस्लिम संगठन ने पास किया प्रस्ताव- 'बकरीद पर न करें गौ हत्या'

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। बकरीद पर कुर्बानी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत ने एक प्रस्ताव पास किया है, जिसमें उन्होंने सभी मुस्लिमों से कहा है कि जिन राज्यों में गौवंश बैन है। वहां बकरीद के मौके पर गौवंश कि कुर्बानी न दें। बकरीद 2 सितंबर को है।
गौरतलब है कि यह प्रस्ताव पिछले महीने पास किया गया है। पुणे में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है। AIMIM के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी ने बताया कि प्रस्ताव में गौवंश को लेकर सभी मुसलमान को अपने राज्यों के कानून का पालन करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में गोमांस पर बैन है, वहां मुसलमान बकरीद के मौके पर गौवंश की कुर्बानी न दें।
हमीद नोमानी के मुताबिक, बकरीद एक धार्मिक मामला है, ऐसे में कानून जहां इजाजत नहीं देता, वहां गौवंश की कुर्बानी से बचे और बकरे की कुर्बानी दें। हालांकि मौलाना नोमानी ने ये भी बताया कि मुशावरात ने देश और राज्य की सरकारों से अपील की है कि सरकार उनकी धार्मिक आजादी का ध्यान रखें।
इन 11 राज्यों में है गौ हत्या पर बैन
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में गौहत्या पर बैन हैं। इनके अलावा दो केंद्र शासित राज्य दिल्ली और चंडीगढ़ में भी गौ हत्या पर बैन है। साथ ही आपको बता दें कि गौ हत्या कानून के उल्लंघन पर सबसे कड़ी सजा भी इन्हीं राज्यों में तय की गई है।
इन राज्यों में नहीं है बैन
केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप ऐसे दस राज्य हैं जिनमें कोई बैन नहीं है। यहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस का मांस खुले बाजार में बिकता और खाया जाता है।
आंशिक बैन
बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक के अलावा चार केंद्र शासित राज्यों दमन और दीव, दादर और नागर हवेली, पुडुचेरी, अंडमान ओर निकोबार द्वीप में गौ हत्या पर आंशिक बैन लागू है।
क्या है आंशिक बैन
आंशिक बैन से आशय है कि गाय और बछड़े की हत्या पर पूरा बैन लेकिन बैल, सांड और भैंस को काटने और खाने की इजाजत है।
Created On :   20 Aug 2017 5:19 PM IST