नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल, दो बार गलती से कहा -मैं BSP में शामिल हो रहा हूं

Naseemuddin Siddiqui Joins Congress Party
नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल, दो बार गलती से कहा -मैं BSP में शामिल हो रहा हूं
नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल, दो बार गलती से कहा -मैं BSP में शामिल हो रहा हूं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस की सदस्यता लेते वक़्त नसीमुद्दीन ने गलती से कह दिया कि उन्होंने बीएसपी की सदस्यता ग्रहण की है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी। कांग्रेस की जगह बीएसपी का नाम लेने पर उन्होंने कहा कि एक लंबा वक्त बहुजन समाज पार्टी को दिया है तो उसे सुधारने में 34 मिनट तो लगेंगे ही।

उन्होंने कहा, "मैं आभार व्यक्त करता हूं कि मुझे देश की सबसे बड़ी पार्टी, जिसने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, उस पार्टी में मुझे जगह मिली है।" इस दौरान नसीमुद्दीन ने गुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को धन्यवाद दिया।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हमारे बाप-दादाओं के दिल में बीएसपी ही रही है यानी वह कहना चाहते थे कि कांग्रेस रही है लेकिन यहां पर वह एक बार फिर गलती से बीएसपी बोल गए। इस पर यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने उनका बचाव किया।


बीएसपी ने नसीमुद्दीन को क्यों निकाला?

पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल को बाहर निकाल दिया था। पार्टी का आरोप था कि नसीमुद्दीन ने पार्टी कैंडिडेट्स से पैसे लिए, लेकिन उन्हें पार्टी फंड में नहीं जमा किया। इसके साथ ही नसीमुद्दीन पर एंटी पार्टी एक्टिविटीज़ में शामिल होने का आरोप भी लगा। बीएसपी की तरफ से सतीश चंद्र मिश्र ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि "नसीमुद्दीन ने चुनावों के दौरान पार्टी कैंडिडेट्स से पैसा लिया, लेकिन उसे फंड में जमा नहीं कराया। इन आरोपों पर उनका पक्ष लेने के लिए उन्हें कई बार बुलाया भी गया, लेकिन वो नहीं आए।" पार्टी का कहना था कि बीएसपी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं है, लिहाजा नसीमुद्दीन और उनके बेटे को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। बता दें कि नसीमुद्दीन को मायावती का राइट हैंड कहा जाता था।

नसीमुद्दीन ने मायावती पर लगाए थे आरोप

बीएसपी से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती पर बड़े आरोप लगाए थे। सिद्दीकी ने कहा था कि मायावती ने उनसे 50 करोड़ रुपए की मांग की है। सिद्दीकी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "मैंने और मेरे परिवार ने बीएसपी के लिए 34-35 साल तक कुर्बानियां दी और मुझे उसका ये सिला मिला। मैंने विधानसभा चुनावों से पहले ही उन्हें बता दिया था कि हम हारने वाले हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने कुछ नहीं किया।" उन्होंने कहा था "चुनावों में मिली हार के बाद मायावती ने मुझे बुलाया और अपर कास्ट, बैकवर्ड कास्ट को बुरा-भला कहा। इसके साथ ही उन्होंने मुसलमानों के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसका मैंने विरोध किया था।" इसके अलावा नसीमुद्दीन का ये भी कहना था कि मायावती खुद चाहती हैं कि पार्टी खत्म हो जाए, ताकि और कोई दलित कभी सीएम न बन सके।

कौन हैं नसीमुद्दीन सिद्दीकी

नसीमुद्दीन सिद्दीकी उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के सेवरा गांव के रहने वाले हैं। सिद्दीकी बीएसपी से 1988 में जुड़े थे और यहीं से उनका पॉलिटिकल करियर शुरू हुआ था। वो पहली बार 1991 में विधायक चुने गए थे। जब मायावती 1995 में पहली बार सीएम बनीं थीं तो नसीमुद्दीन को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया गया था। सिद्दीकी 2007-2012 तक मायावती सरकार में भी मंत्री रहे। करीब 29 सालों तक बीएसपी में रहने के बाद 10 मई 2017 को मायावती ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था।

Created On :   22 Feb 2018 9:23 PM IST

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