नसीरुद्दीन के साथ ओवैसी ने भी कहा इमरान अपने देश के मुद्दों पर ध्यान दें, भारत में टांग न अड़ाएं

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नसीरुद्दीन के साथ ओवैसी ने भी कहा इमरान अपने देश के मुद्दों पर ध्यान दें, भारत में टांग न अड़ाएं
नसीरुद्दीन के साथ ओवैसी ने भी कहा इमरान अपने देश के मुद्दों पर ध्यान दें, भारत में टांग न अड़ाएं
हाईलाइट
  • इमरान ने कहा था कि वह मोदी सरकार को सिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं।
  • नसीरुद्दीन ने इमरान को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें भारत को सिखाने की जरूरत नहीं है।
  • नसीरुद्दीन शाह ने पाक पीएम को करारा जवाब दिया है।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के भारत में डर वाले बयान को आधार बनाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी पर निशाना साधा था। इसपर एक्शन लेते हुए नसीरुद्दीन ने पाक पीएम को करारा जवाब दिया है। नसीरुद्दीन ने इमरान को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें भारत को सिखाने की जरूरत नहीं है। नसीर ने कहा कि इमरान को अपने देश के मुद्दों को देखने की जरूरत है, क्योंकि भारत में 70 साल से लोकतंत्र है। बता दें कि इमरान ने कहा था कि "हम मोदी सरकार को सिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं।"

नसीरुद्दीन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, "मुझे लगता है कि इमरान खान को सिर्फ उन मुद्दों पर बात करनी चाहिए, जो कि पाकिस्तान से संबंधित हैं। उन्हें दूसरे देशों के मुद्दों में टांग अड़ाने की कोई जरूरत नहीं है। इमरान को उन मुद्दों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जिनसे उनका कोई वास्ता नहीं है। भारत पिछले 70 सालों से एक लोकतांत्रिक देश है और हम जानते हैं कि लोगों की देखभाल कैसे की जाती है।"

वहीं AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इमरान के बयान का विरोध किया है। ओवैसी ने इमरान पर निशाना साधते हुए कहा, "पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, वहां केवल मुसलमानों को ही राष्ट्रपति बनने का अधिकार है। भारत में किसी भी वर्ग और किसी भी जाति के लोग राष्ट्रपति बन सकते हैं और बनें भी हैं। यही समय है कि इमरान खान हमसे कुछ सीखें, चाहे वह राजनीति हो या अल्पसंख्यकों का अधिकार हो।"

 

 

बता दें कि सोशल मीडिया पर शाह का एक वीडियो जारी कर उन्होंने अपना डर और चिंता को जाहिर किया था। वीडियो में नसीरुद्दीन अपने बच्चों को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। वीडियो में शाह ने कहा, "मुझे फिक्र होती है अपनी औलाद के बारे में सोचकर। मुझे इस बात का डर लगता है कि कहीं मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। क्योंकि मैंने मेरे बच्चों को मजहबी तालीम नहीं दी है।अच्छाई और बुराई का मजहब से कोई लेना-देना नहीं है। मुझे डर भी लगता है और गुस्सा भी आता है। ये हमारा घर है हमें कौन निकाल सकता है।"   

इसके बाद नसीरुद्दीन शाह का समर्थन करते हुए पाक पीएम ने कहा था, "मोदी सरकार को अल्पसंख्यकों के साथ अच्छा व्यवहार करना नहीं आता है। भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है। जबकि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रही है कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को उनके उचित अधिकार मिले। मोदी सरकार को इससे सीखना चाहिए।"

Created On :   23 Dec 2018 6:41 PM IST

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