यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी का निधन, जन्मदिवस पर ली अंतिम सांस

यूपी और उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी का निधन, जन्मदिवस पर ली अंतिम सांस
हाईलाइट
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार को साकेत के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया।
  • एनडी तिवारी का निधन उनके जन्मदिन के दिन ही हुआ है।
  • वह 92 साल के थे। ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्हें 20 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का गुरुवार को साकेत के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 साल के थे। ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्हें 20 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एनडी तिवारी का निधन उनके जन्मदिवस के दिन ही हुआ है। तमाम राजनेता और अन्य लोग उनके निधन पर शोक जता रहे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एनडी तिवारी के निधन पर कहा, "उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पं. नारायण दत्त तिवारी जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूं। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति व परिजनों को दुःख सहने की प्रार्थना करता हूं।"

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "मैं पूर्व उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के असामयिक निधन से दुखी हूं। मेरी उनके परिवार के साथ गहरी संवेदनाएं हैं और प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। उन्हें हमेशा एक सक्षम प्रशासक के रूप में याद किया जाएगा।" 

18 अक्टूबर 1925 को जन्मे और 1963 में कांग्रेस में शामिल होने वाले तिवारी, एकमात्र भारतीय राजनेता थे जिन्होंने दो राज्यों, उत्तर प्रदेश और बाद में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। एक कुमाऊनी ब्राह्मण, तिवारी पहली बार 1976 में यूपी के मुख्यमंत्री बने। बतौर यूपी सीएम उन्होंने साल 1976-77, 1984-85 और 1988-89 तक तीन बार गद्दी संभाली। उसके बाद 1984 में 2002 से 2007 तक उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।

तिवारी 5 बार विधायक रहे हैं।1980 में तिवारी पहली बार लोकसभा पहुंचे और इंदिरा गांधी ने उन्हें योजना मंत्री बनाया बाद में एनडी तिवारी ने वित्त, विदेश जैसे कई बड़े मंत्रालय संभाले। तिवारी ने 2007 और 2009 के बीच आंध्र प्रदेश के गवर्नर के रूप में भी कार्य किया था। राजभवन में तीन महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में एनडी तिवारी का एक वीडिया सामने आया था जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इस्तीफा देने की वजह उनके स्वास्थ को बताया गया था।

तिवारी का नाम उस वक्त भी विवादों में आया था जब लॉयर रोहित शेखर ने पेटरनेटी सूट दायर किया था जिसमें दावा किया गया था कि एनडी तिवारी उनके बायोलॉजिकल फादर है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में शेखर ने दावा किया था कि वह एनडी तिवारी और उनकी मां उज्जवाला के बीच के अवैध संबंध से पैदा हुए थे। हालांकि तिवारी ने आरोपों को खारिज करते हुए, शुरुआत में DNA टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर जब तिवारी का DNA टेस्ट हुआ तो रोहित उनके बायोलॉजिकल बेटे निकले। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2014 में इसे लेकर एक आदेश भी पारित किया था।

इस साल जनवरी में, उत्तराखंड विधानसभा चुनावों से पहले, तिवारी और रोहित पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए थे।

Created On :   18 Oct 2018 5:08 PM IST

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