नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था : ममता

Netaji opposed the divisive politics of Hindu Mahasabha: Mamta
नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था : ममता
नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था : ममता
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  • नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था : ममता

दार्जिलिंग, 23 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था और वह धर्मनिरपेक्ष तथा एकजुट भारत की खातिर लड़े थे।

उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को अभी तक राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने नेताजी के लापता होने के पीछे के रहस्य को सुलझाने में गंभीरता नहीं दिखाने पर भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार की भी कड़ी आलोचना की।

बोस की 123वीं जयंती मनाने के लिए यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 12 मई 1940 को एक सार्वजनिक बैठक के दौरान हिंदू महासभा का विरोध किया था।

बनर्जी ने दार्जिलिंग मॉल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, नेताजी ने हिंदू महासभा की विभाजनकारी राजनीति का विरोध किया था। ये विचार आज बहुत प्रासंगिक हैं। उन्होंने एक धर्मनिरपेक्ष भारत, एक अखंड भारत के लिए लड़ाई लड़ी थी, लेकिन अब धर्मनिरपेक्षता का पालन करने वालों को बाहर करने की कोशिश की जा रही है।

ममता बनर्जी ने कहा, उन्होंने (केंद्र ने) केवल कुछ ही गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक किया है। वास्तविकता में क्या हुआ था, यह पता लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। यह शर्मिदगी की बात है कि 70 वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद हम यह नहीं जान पाए हैं कि उनके साथ क्या हुआ था।

बनर्जी ने कहा कि 2011 में सत्ता में आने के बाद से वह मांग कर रही हैं कि 23 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, हम उनके दिखाए रास्ते पर चलते रहेंगे। कोई भी हमारे दिल से उनकी जगह नहीं छीन सकता है।

Created On :   23 Jan 2020 2:00 PM GMT

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