1 नवंबर से रेलवे के टाइम टेबल में होगा बदलाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रेलवे 1 नवंबर से कई ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए रेलवे की ओर से जीरो बेस्ट टाइम टेबल तैयार किया जा रह है। इस बदलाव के जरिए 13000 यात्री ट्रेनों और 8000 मालगाड़ियों के टाइम टेबल में फर्क पड़ेगा।
बता दें कि भारतीय रेल 1 नवंबर से अपने 700 ट्रेनों की आल जर्नी टाइम टेबल कम करने जा रहा है। इनमें 48 पुरानी ट्रेनों को सुपरफास्ट ट्रेन बनाने पर भी बात चल रही है। इसके जरिए 48 ट्रेनों की औसत रफ्तार 55 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे ज्यादा की जाएगी।
क्या है जीरो बेस्ड टाइम टेबल
जीरो बेस्ड यानी शून्य आधारित टाइम टेबल का मतलब है कि रेलवे ट्रैक पर कोई ट्रेन न हो और एक-एक कर सभी ट्रेनों को नए सिरे से समय दिया जाए। जीरो बेस्ड टाइम टेबल में समान गति और समान दिशा की ओर जा रही ट्रेनों को एक के बाद एक समय दिया जाता है ताकि समय रहते ऐसी सभी ट्रेनों को रवाना किया जा सके। इस तरह का टाइम टेबल बनाने में मुसाफिरों की सुविधा का भी ख़ासा ध्यान रखा जाता है। यानी की लंबी दूरी की ट्रेनें रात को चलाई जाएं और वो सुबह मंजिल तक पहुंच जाए।
भारतीय रेल कई साल से इस तरह की टाइम टेबल पर काम कर रहा था। लेकिन इसके साथ सबसे बड़ी परेशानी यह है कि अभी भी सारी प्रीमियम ट्रेनें शाम के वक्त ही चलाई जाती हैं और सुबह तक वो मंजिल तक पहुंचती हैं।
रेलवे की दिक्कत
रेलवे के साथ एक बड़ी समस्या ये है कि पटरियों पर क्षमता से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं। खासकर नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे, नॉर्थ इस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे में क्षमता से करीब 40 फीसदी ज़्यादा ट्रेनें चलती हैं। जिसकी वजह से कई ट्रेनें लेट हो जाती हैं।
Created On :   14 Oct 2017 6:10 PM IST