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निर्भया गैंगरेप केस: दोषी विनय के बाद मुकेश ने भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की

हाईलाइट
- मुकेश सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की
- दोषी विनय पहले ही कर लगा चुका हैं क्यूरेटिव पिटिशन
- 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट मंगलवार को निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वॉरंट जारी कर चुका है। वहीं अब चारों दरिंदों में से दो ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। दोषी विनय कुमार के बाद अब दोषी मुकेश सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की है।
दरअसल, निर्भया केस में चारों दरिंदों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी, लेकिन दोषियों की कोशिश यह है कि उन्हें मिलने वाली फांसी की सजा में देरी होती जाए। दोषी विनय कुमार ने अपनी पिटीशिन याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इस बात पर गौर करने को कहा, अपराध के वक्त उसकी उम्र 19 थी, ऐसे में सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि को देखते हुए फांसी की सजा पर विचार किया जाए।
साथ ही दोषी विनय ने अपनी याचिका में यह भी दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट बलात्कार और हत्या से जुड़े 17 अन्य मामले में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदला चुका है। ऐसे में उसे भी राहत देनी चाहिए। बता दें कि अगर सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई नहीं करता है और 12 दिनों के अंदर इस पर फैसला नहीं आता तो फांसी की तारीख आगे बढ़ सकती है।
जानें क्या है क्यूरेटिव पिटिशन?
गौरतलब है कि, क्यूरटिव पिटिशन तब दाखिल की जाती है, जब किसी मामले के दोषी की राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका खारिज कर दी जाती है और सुप्रीम कोर्ट में पुनयाचिका खारिज कर दी जाती है। ऐसे में दोषी के पास एक मात्र क्यूरेटिव पिटिशन का ही विकल्प बचता है। जिसके जरिए दोषी पहले तय हुई सजा में नरमी की गुहार लगा सकता है। आपको बता दें कि क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई के बाद दोषी के पास कानून के सारे विकल्प बंद हो जाते है।
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