नेताजी जयंती को लेकर भाजपा में उत्साह नहीं, पोते चंद्र कुमार हैरान

No enthusiasm in BJP regarding Netaji Jayanti, grandson Chandra Kumar surprised
नेताजी जयंती को लेकर भाजपा में उत्साह नहीं, पोते चंद्र कुमार हैरान
नेताजी जयंती को लेकर भाजपा में उत्साह नहीं, पोते चंद्र कुमार हैरान
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  • नेताजी जयंती को लेकर भाजपा में उत्साह नहीं
  • पोते चंद्र कुमार हैरान

नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को है। पिछले साल इस मौके पर कई कार्यक्रम हुए थे, मगर इस बार नेताजी की जयंती को लेकर सत्ताधारी भाजपा में कोई उत्साह न देखकर नेताजी सुभाष के पोते चंद्र कुमार बोस हैरान हैं। वह पश्चिम बंगाल भाजपा के उपाध्यक्ष भी हैं।

पिछले साल नेताजी की 122वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया था। और भी कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ था।

चंद्र कुमार बोस ने आईएएनएस से कहा, नेताजी की जयंती पर कुछ कार्यक्रम तो होना ही चाहिए। अगर आप उनकी उपेक्षा करते हैं, तो आप देश की उपेक्षा करते हैं। यह मेरा प्रधानमंत्री के लिए संदेश है।

उन्होंने हालांकि कहा कि भाजपा नीत राजग सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस के अपार योगदान को मान्यता दी है।

आईएएनएस ने बुधवार की शाम तक पाया कि 23 जनवरी को नेताजी की जयंती पर किसी भी विशेष कार्यक्रम के आयोजन के लिए दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय को कोई निर्देश नहीं दिया गया है।

पिछले साल 23 जनवरी को मोदी ने युवाओं के बीच लोकप्रिय रहे अमर स्वतंत्रता सेनानी और उनकी इंडियन नेशनल आर्मी को समर्पित एक संग्रहालय का उद्घाटन किया था, जिसमें बोस से संबंधित विभिन्न कलाकृतियों का प्रदर्शन किया गया था। बोस द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी, तलवार, उनके पदक, वर्दी, बैज आदि को बोस संग्रहालय में उस दिन प्रदर्शित भी किया गया था।

इससे कुछ महीने पहले 21 अक्टूबर, 2018 को मोदी ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज भी फहराया था और नेताजी द्वारा गठित आजाद हिंद फौज की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पट्टिका का अनावरण किया था, क्योंकि यह बोस को आमतौर पर संदर्भित किया जाता है।

वहीं 2018 में मोदी ने नेताजी को श्रद्धांजलि के रूप में अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों का नाम बदल दिया था। उन्होंने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप को शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप नाम दिया।

लेकिन 2020 में उत्साह गायब है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के अनुसार, संस्कृति मंत्रालय द्वारा 23 जनवरी को बोस की जयंती पर किसी भी मंत्रालय की ओर से कोई भी कार्यक्रम निर्धारित नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में व्यस्त है, जिस कारण वह इस बार नेताजी की जयंती को शानदार बनाने के लिए कोई बड़ा कार्यक्रम या कदम नहीं उठा रही है।

Created On :   22 Jan 2020 10:30 PM IST

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