DMK के विरोध के बाद सरकार की सफाई, किसी पर नहीं थोपी जा रही हिंदी भाषा

No intention of imposing any language on anybody: Javadekar
DMK के विरोध के बाद सरकार की सफाई, किसी पर नहीं थोपी जा रही हिंदी भाषा
DMK के विरोध के बाद सरकार की सफाई, किसी पर नहीं थोपी जा रही हिंदी भाषा
हाईलाइट
  • कमल हासन भी उतरे विरोध में
  • मानव संसाधन विकास मंत्री ने दी सफाई
  • सरकार ने रिपोर्ट देखी तक नहीं-जावड़ेकर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दक्षिण भारत में हिंदी भाषा के लिए विरोधी सुर एक बार फिर उठते दिखाई दे रहे हैं, तमिलनाडु में हो रहे विरोध के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सफाई दी है। जावड़ेकर ने कहा कि नयी शिक्षा नीति पर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है, अभी इस पर सिर्फ एक रिपोर्ट सौंपी गई है। सरकार ने रिपोर्ट को अभी तक देखा भी नहीं है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाने के लिए गठित की गई विशेषज्ञ समिति ने नए मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को एक ड्राफ्ट दिया है। हिंदी भाषा के खिलाफ अपनी बुनियाद बनाने वाली डीएमके ने ड्रॉफ्ट का विरोध किया है। पार्टी का कहना है कि इसके जरिए उन पर हिंदी थोपने की कोशिश की जा रही है। डीएमके के टी शिवा का कहना है कि तमिलनाडु पर हिंदी भाषा थोपने की कोशिश करने पर तमुलनाडु के लोक चुप नहीं बैठेंगे।

विवाद के बाद डीएमके (द्रविण मुनेत्र कड़गम) अध्यक्ष स्टालिन ने ट्वीट किया है कि "तमिलों के खून में हिंदी के लिए कोई जगह नहीं है, यदि तमिलनाडु में इसे थोपने की कोशिश की गई तो इसे रोकने के लिए डीएमके युद्ध भी छेड़ सकती है। नए सांसद लोकसभा में इसे लेकर आवाज उठाएंगे"। कमल हासन की पार्टी मक्कल निधि मैय्यम ने भी डीएमके का सपोर्ट किया है। हासन की पार्टी का कहना है कि केंद्र की हिंदी पढ़ाने को लेकर की जाने वाली किसी भी कोशिश का विरोध किया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

Created On :   1 Jun 2019 4:29 PM GMT

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