LAC पर चीनी सैनिकों के जमावड़े को सीरियसली न लें : सरकार का बयान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत व चीन की सीमा के समीप सैनिकों की तैनाती में ज्यादा वृद्दि नहीं हुई है और तिब्बत क्षेत्र में हाल में हुए सैन्य अभ्यास को दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम क्षेत्र में वर्तमान के गतिरोध से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि यह अभ्यास चीन की तरफ से नियमित अभ्यास का हिस्सा था और वेस्टर्न थियेटर कमान ने गतिरोध को देखते हुए सेना की तैनाती में ऐसी बड़ी बढ़ोतरी नहीं की है जिससे कि भारत को खतरा महसूस हो। आपको बता दें कि वेस्टर्न थियेटर कमान भारत के साथ लगती 3488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल की रक्षा करता है। चीन की सेना के आधिकारिक मुखपत्र में छपी खबर के परिप्रेक्ष्य में सरकार का यह बयान आया है। मुखपत्र में छपा था कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में भारतीय सैनिकों के साथ गतिरोध के बाद चीन की सेना ने हजारों टन सैन्य-साजो सामान तिब्बत के दूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र में भेजा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि साजो सामान पिछले महीने भेजा गया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि यह सामान तिब्बत में अभ्यास के लिए ले जाया गया था या फिर किसी और कारण से। गौरतलब है कि इस इलाके में भारत की सेना द्वारा चीन की सेना को सड़क बनाने से रोकने के बाद लगभग एक महीने से ज्यादा समय से यहां गतिरोध बना हुआ है। तिब्बत के पहाड़ी इलाकों में चीन की सेना के अभ्यास को सरकार के सूत्रों ने नियमित अभ्यास बताया और कहा कि सीमा पर तनाव से इसे जोड़कर बताना, बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई रिपोर्ट है। चीन की सेना ने कहा था कि उसने अपनी मारक क्षमता को परखने के लिए अभ्यास किया था।
Created On :   19 July 2017 10:59 PM IST