भ्रष्ट अधिकारियों की जानकारी होगी सार्वजनिक

Now the details of corrupt officials will be made public
भ्रष्ट अधिकारियों की जानकारी होगी सार्वजनिक
भ्रष्ट अधिकारियों की जानकारी होगी सार्वजनिक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केंद्रीय सूचना आयोग ने राज्य सरकारों को सभी विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों का डाटा तैयार करने निर्देश दिए है। ये डाटा पब्लिक डोमेन पर सक्रिय रूप से डाला जाएगा। लेकिन इसमें भ्रष्ट अधिकारियों के केवल आंकड़े शामिल होंगे, उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे।

सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद ने कहा, "किसी भी परिस्थिति में, आरोपों का सामना करने वाले कर्मचारियों के नामों का खुलासा नहीं किया जाएगा।" उन्होंने निर्देश दिए कि भ्रष्ट अधिकारियों की सूची साल दर साल के हिसाब से बनाई जाएगी। जैसे, 'किस साल, कितने अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए गए।' इन आंकड़ों में लंबित और निपटाए गए विभागीय, सतर्कता, नियोक्ता जैसी चीजों का उल्लेख होगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वेबसाइट पर कर्मचारियों के खिलाफ अदालत के मामले, कर्मचारियों की रैंक और इनसे जुड़ी दूसरी जानकारी दी जाएगी।

आजाद ने कहा कि विभागीय कार्यवाही से संबंधित आंकड़े आरटीआई अधिनियम, 2005 के धारा 4 (1) के दायरे में आते हैं, जो सरकारी विभागों को सार्वजनिक तौर पर उनके कूकर्मों के बारे में जानकारी देने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ऐसे आंकड़ों का खुलासा बेहतर प्रशासन के लिए एक हथियार साबित होगा और निस्संदेह बड़े सार्वजनिक हितों की सेवा करेगा। इससे भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आएगी।

आपको बता दें कि आजाद ने अशोक कुमार रेड्डी द्वारा लगाई 51 आरटीआई आवेदन याचिकाओं के बाद भ्रष्ट अधिकारियों की जानकारी सार्वजनिक करने का फैसला लिया है। रेड्डी भारत सरकार के रोजगार में 'भ्रष्ट अधिकारियों' की एक सूचीबद्ध करने के एक मिशन पर हैं। उन्होंने सभी दागी कर्मचारियों के डाटा इकट्ठा करने के उद्देश्य से 51 आरटीआई आवेदनों को भेजा है।"

Created On :   2 July 2017 1:47 PM IST

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