कभी खत्म नहीं होगी कलपक्कम एटमी रिएक्टर की ऊर्जा

एजेंसी, येकातेरिनबर्ग (रूस). चेन्नई के पास कलपक्कम में बंगाल की खाड़ी के किनारे लोगों की नजरों से दूर भारतीय परमाणु साइंटिस्ट उस हाईटेक स्टोव को शुरू करने के अंतिम चरण में हैं, जिसके निर्माण में 15 साल से ज्यादा का समय लग गया है। यह नया परमाणु रिएक्टर एक तरह का अक्षय पात्र है। पौराणिक गाथाओं में कहा जाता है कि अक्षय पात्र से कभी भी भोजन खत्म नहीं होता था। परमाणु उर्जा विभाग अपने अत्याधुनिक एवं स्वदेशी तौर पर डिजाइन किए गए फास्ट ब्रीडर रिएक्टर को संचालित करने के लिए तैयार हो रहा है।
जानकारों का कहना है कि परमाणु उर्जा को संवहनीय बनाने के लिए पक्का रास्ता यह है कि फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों को मुख्यधारा में लाया जाए। वियेना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी के महानिदेशक युकिया अमानो का कहना है कि तीव्र रिएक्टर पारंपरिक रिएक्टरों की तुलना में 70 प्रतिशत ज्यादा उर्जा निकालने में मदद कर सकते है। ये पारंपरिक रिएक्टरों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित हैं और लंबे समय तक बने रहने वाले रेडियोधर्मी कचरे को कई गुना कम करते है।
हालांकि ये रिएक्टर अस्थिर भी हैं और इसलिए लंबे समय तक विसनीय ढंग से इनका संचालन मुश्किल है। फास्ट ब्रीडर रिएक्टर कहलाने वाला यह रिएक्टर एक विशेष प्रकार का परमाणु रिएक्टर है, जो अपने संचालन में लगने वाले ईंधन की तुलना में कहीं ज्यादा परमाणु ईंधन पैदा करता है। भारत प्रायोगिक आधार पर 27 साल से फास्ट ब्रीडर टेस्ट रिएक्टर संचालित करता रहा है। विश्व में व्यवसायिक तौर पर संचालित एकमात्र फास्ट ब्रीडर रिऐक्टर रूस के उराल पर्वतों में बेलोयार्स्क परमाणु ऊर्जा संयंत्र में स्थित है। यह स्थान रूस के चौथे सबसे बड़े शहर येकातेरिनबर्ग से ज्यादा दूर नहीं है।
फास्ट ब्रीडर रिऐक्टरों के मामले में रूसी लोग आज वैश्विक नेतृत्वकर्ता हैं। वे वर्ष 1980 से बीएन 600 नामक फास्ट ब्रीडर रिऐक्टर का संचालन कर रहे हैं। साल 2016 में रूसी परमाणु एजेंसी रोसातम ने व्यवसायिक तौर पर इससे बड़े रिऐक्टर बीएन 800 फास्ट ब्रीडर रिऐक्टर का संचालन शुरू किया था। यह रिऐक्टर लगभग 800 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करता है और येकातेरिनबर्ग शहर समेत यूराल क्षेत्र में इसकी आपूर्ति करता है। हालांकि पैदा होने वाली बिजली किसी भी अन्य बिजली से अलग नहीं है, लेकिन परमाणु वैज्ञानिकों का वैश्विक समुदाय इस अदभुत उपलब्धि को लेकर खुश है
Created On :   2 July 2017 10:47 AM IST