ऑफिस ऑफ प्रॉफिट : EC ने HC में जो 'सीक्रेट डॉक्यूमेंट' दिए, उनमें क्या है?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ फाइल की गई पिटीशंस पर सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान इलेक्शन कमीशन (EC) ने हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़े कुछ "सीक्रेट डॉक्यूमेंट" सौंपे। कमीशन की तरफ से पेश हुए एडवोकेट अमित शर्मा ने कोर्ट से कहा कि इन डॉक्यूमेंट्स को पिटीशनर्स (आप विधायकों) के साथ शेयर नहीं किया जा सकता। बता दें कि 19 जनवरी को इलेक्शन कमीशन ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी।
इलेक्शन कमीशन ने दिए "खास डॉक्यूमेंट्स"
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस चंद्र शेखर की बेंच के सामने सोमवार को इलेक्शन कमीशन ने कुछ "खास डॉक्यूमेंट्स" सौंपे। EC की तरफ से एडवोकेट अमित शर्मा ने डबल बेंच के सामने बंद लिफाफे में कुछ डॉक्यूमेंट्स पेश करते हुए कहा कि "हम आपको पर्सनल नोटिंग्स समेत कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स सौंप रहे हैं, जिन पर हमारा विशेषाधिकार है, इसलिए हम इन्हें पिटीशनर्स (आप विधायकों) को नहीं सौंप सकते।"
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डिप्टी सीएम की तरह काम करते थे विधायक : HC
सोमवार को सुनवाई के दौरान इलेक्शन कमीशन ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि "पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी की सिफारिशों पर कर्मचारियों को सस्पेंड तक किया गया। इसके अलावा ये पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी मीटिंग में ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के टेंडर तक तय करते थे। इनकी सिफारिश पर दिल्ली सरकार के मंत्रियों के OSD लेटर लिखकर बाकी डिपार्टमेंट्स को जारी करते थे।" इलेक्शन कमीशन की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि "लगता है कि पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी बनाए गए ये विधायक सरकार में बतौर डिप्टी सीएम की तरह काम कर रहे थे।"
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 19 जनवरी को इलेक्शन कमीशन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट में कमीशन ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि "आप के 20 विधायक सरकार में पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी (संसदीय सचिव) के तौर पर अपॉइंट हैं। इस कारण ये ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का केस बनता है और इसलिए दिल्ली विधानसभा के विधायकों के तौर पर इनकी सदस्यता रद्द की जाए।" इलेक्शन कमीशन की इन सिफारिशों को 20 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी मंजूरी दी थी।
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किन विधायकों की सदस्यता रद्द हुई थी?
इलेक्शन कमीशन ने जिन 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी, उनमें आदर्श शास्त्री, अल्का लांबा, अनिल वाजपेयी, अवतार सिंह, कैलाश गहलोत, मदन लाल, मनोज कुमार, नरेश यादव, नितिन त्यागी, प्रवीण कुमार, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, संजीव झा, सरिता सिंह, सोम दत्त, शरद कुमार, शिव चरण गोयल, सुखवीर सिंह, विजेंदर गर्ग और जरनैल सिंह के नाम शामिल हैं।
क्या होता है पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी?
दरअसल, पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी का पद वित्तीय लाभ का पद होता है और वो जिस भी मंत्री के साथ जुड़ा होता है, उसके कामों में उसकी मदद करता है। मंत्री के मदद करने के बदले में उसे सैलरी, कार और बाकी जरूरी सुविधाएं भी मिलती हैं। मंत्री के पास ये अधिकार होता है कि वो किसी भी विधायक को अपना संसदीय सचिव नियुक्त कर सकता है।
Created On :   27 Feb 2018 12:27 PM IST