दबक जलाशय फूटने की कगार पर, बारिश में बह गयी रिटर्निंग वॉल

On verge of breaking down reservoir, Returning Wall in Rain
दबक जलाशय फूटने की कगार पर, बारिश में बह गयी रिटर्निंग वॉल
दबक जलाशय फूटने की कगार पर, बारिश में बह गयी रिटर्निंग वॉल

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। लगभग 18 हेक्टेयर एरिया में कृषि सिंचाई के लिए जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाया गया उमरेठ तहसील का दबक जलाशय, चार साल में ही फूटने की कगार पर पहुंच गया है।

दबक जलाशय में पिछले दिनों हुई तेज बारिश से रिटर्निंग वॉल धड़धड़ाकर बह गई। नहरों में आई दरारें नहर निर्माण में की गई लापरवाही की कहानी खुद कह रही है। जगह-जगह दरारों से जलाशय में पानी छोड़ने पर भी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पाता है। निर्माण के समय ही यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने गुणवत्ता का मामला जोरशोर से उठाया था, लेकिन बड़े ओहदेदारों की दखलंदाजी ने पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब 4 सालों के भीतर ही ये जलाशय इस लायक नहीं बचा है कि पानी का संग्रहण हो सके। 

बोरियां से कटाव रोकने की तैयारी 

जलाशय के दाई तरफ बनी रिटर्निंग वॉल पिछले दिनों बारिश के साथ ही बह गई। जलससांधन विभाग के अधिकारियों ने लीपापोती करने के लिए बोरियों से दीवार ढंकनी चाही। लेकिन यहां जलाशय में लगातार कटाव हो रहा है। जिससे जलाशय का अन्य क्षेत्र क्षतिग्रस्त होने की कगार पर है। 

2 करोड़ 35 लाख से हुआ था निर्माण 

2 करोड़ 35 लाख की भारी भरकम लागत से जलाशय का निर्माण कार्य किया गया था। ताकि दबक सहित आसपास के क्षेत्रों की सिंचाई क्षमता को बढ़ाया जा सके। तकरीबन 40 एकड़ के क्षेत्र में यहां इस जलाशय से सिंचाई की योजना अधिकारियों ने तैयार की थी। 

नजर नहीं आती नहरें, खेतों तक नहीं पहुंचता पानी 

चार साल में नहरें बुरी तरह बरबाद हो गई है। तकरीबन 1 किमी तक यहां नहरों का निर्माण किया गया था। लेकिन मेंटेनेंस के अभाव और घटिया निर्माण से नहरों में दरारें आने और क्षतिग्रस्त होने से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। 

ये भी है अनियमितताएं 

- रीवा के ठेकेदार ने इस जलाशय का निर्माण किया था। नियमानुसार पांच साल तक मेंटेनेंस करना था लेकिन ठेकेदार का अब पता नहीं है। 

- स्थानीय लोगों ने बताया कि पहली बार बारिश से जलाशय इतना भरा है।  बारिश के साथ ही जलाशय की वॉल ही बहने लगी है। 

- जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों को नहरों में सुधार के लिए दर्जनों आवेदन जल समिति के सदस्यों ने दिए लेकिन आज तक सुधार नहीं हो पाया। 

- जिन किसानों के खेतों में इस जलाशय के माध्यम से पानी जाना था, वो किसान शिकायत करके थक गए लेकिन पानी खेतों तक नहीं पहुंच पाया।

Created On :   24 July 2017 11:57 PM IST

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