प्रेसीडेंट 'रामनाथ कोविंद' को मिलेंगी ये सैलरी-सुविधाएं

Once the President is elected, Ramnath Kovind will meet these facilities.
प्रेसीडेंट 'रामनाथ कोविंद' को मिलेंगी ये सैलरी-सुविधाएं
प्रेसीडेंट 'रामनाथ कोविंद' को मिलेंगी ये सैलरी-सुविधाएं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद देश के 14 वें राष्ट्रपति बन गए हैं, जिसके तहत वह अब देश के सबसे सर्वोच्च पद पर आसीन हैं। कोविंद 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद 750 से ज्यादा स्टॉफ वाले राष्ट्रपति भवन में पहुंच गए हैं। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि पहले राष्ट्रपति की सैलरी लगभग 50 हजार रुपए के करीब थी, जिसे 2008 में आखिरी बार बढ़ाया गया था। अब एक बार फिर सरकार एक विधेयक के माध्यम से राष्ट्रपति का वेतनमान बढ़ाने जा रही है। हाल ही में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सहित राज्यपालों की सैलरी के बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव भी मंजूर किया गया है। लेकिन आपको पता है कि राष्ट्राध्यक्ष बनकर वह क्या कमाएंगे ? जानिए उनकी सैलरी और सुविधाओं के बारे में।  

 200 फीसदी वेतन वृद्धि का प्रस्ताव
वर्तमान में उपराष्ट्रपति की सैलरी 1.10 रुपए है, जो बढ़ने के बाद 3.5 लाख रुपए प्रति महीने हो जाएगी। रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में 24 जुलाई को कार्यकाल खत्म कर रहे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की जगह ले ली है। वर्तमान में राष्ट्रपति को सैलरी के रूप में डेढ लाख रुपए मिलते हैं। हालांकि 7वें वेतन आयोग ने राष्ट्र के सर्वोच्च शख्स के वेतन में 200 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव मंजूर किया है। आयोग के प्रस्ताव के बाद राष्ट्रपति की कमाई 5 लाख रुपए प्रति महीने होगी। 

इसलिए बढ़ाई गई सैलरी
इससे पहले राष्ट्रपति की सैलरी 2008 में बढ़ाई गई थी और पचास हजार रुपए महीने से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए किया था। 200 फीसदी वृद्धि का फैसला तब लिया गया था कि जब सरकार को लगा कि कैबिनेट सेक्रेटरी ही राष्ट्रपति से ज्यादा सैलरी प्राप्त करता है।

17 साल में बना था 300 कमरे वाला 'राष्ट्रपति भवन' 
रायसीना हिल्स में बना आज का राष्ट्रपति भवन कभी वायस राय बिल्डिंग कहा जाता था। अंग्रेजो के समय में बना राष्ट्रपति भवन असल में अंग्रेजों ने बनाया था, जब उन्होंने दिल्ली को अपनी नई राजधानी बनाया तो 1911 में इसका काम शुरू हुआ और 17 साल में यह इमारत बनकर तैयार हुई। देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के रहने के बाद से इसे 'राष्ट्रपति भवन' कहा जाने लगा, अन्यथा इसे 'वायस राय बिल्डिंग' कहा जाता था। इसे बनाने में पूरा डेढ़ करोड़ रुपए उस समय खर्च हुए थे। 70 करोड़ ईंटों से बना यह 'राष्ट्रपति भवन' लोहे के काफी कम इस्तेमाल से बना है। दो लाख वर्गफीट में फैली इस चार मंजिला इमारत में 300 कमरे हैं, जहां देश के सर्वोच्च पद पर बैठने वाले महामहिम अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ रहते हैं। इस भवन के मुख्य हाॅल 'दरबार हाॅल' में ही देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शपथ ली थी। केवल राष्ट्रपति भवन में ही 439 कर्मचारी हैं। इसके इतर राष्ट्रपति सचिवालय में भी लगभग 300 के करीब कर्मचारी हैं। यहां बना 'मुगल गार्डन' सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है, जिसमें 150 से ज्यादा गुलाब की किस्में हैं।

 

Created On :   25 July 2017 10:43 AM IST

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