CM हो या PM, 'एक कैंडिडेट एक सीट' से लड़े चुनाव

One candidate one seat in election plea in supreme court
CM हो या PM, 'एक कैंडिडेट एक सीट' से लड़े चुनाव
CM हो या PM, 'एक कैंडिडेट एक सीट' से लड़े चुनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकतंत्र में जब "एक आदमी एक वोट" होता है, तो उसी तर्ज पर "एक कैंडिडेट एक सीट" का फार्मुला होना चाहिए। इस लोकतंत्र में चाहे कोई CM या PM कैंडिडेट हो, सभी को एक ही सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। इस फार्मुला को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह धारा-33 (7) को गैर संवैधानिक घोषित करे ताकि एक कैंडिडेट को 2 सीटों पर चुनाव लड़ने से रोका जा सके।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता व बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि हर नागरिक का मौलिक अधिकार है कि वह कैंडिडेट का रेकॉर्ड देखे और उसकी योग्यता को देखे और वोटिंग करे। अगर 2 जगह से कैंडिडेट जीतता है तो उसे एक सीट छोड़नी होती है और उस सीट पर दोबारा चुनाव होता है। दोबारा उपचुनाव होने से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ता है और साथ ही भारी संख्या में लोगों को चुनाव के लिए लगाना पड़ता है और इस तरह से देखा जाए तो वोटरों के साथ यह अन्याय है।

क्या कहती हैं धारा-33 (7) और धारा-70

अश्विनी उपाध्याय की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल ऐक्ट (जन प्रतिनिधित्व कानून) की धारा-33 (7) के तहत प्रावधान है कि एक कैंडिडेट 2 सीटों से चुनाव लड़ सकता है। वहीं धारा-70 कहता है कि 2 सीटों से चुनाव लड़ने के बाद अगर कैंडिडेट दोनों सीटें जीत लेता है तो उसे एक सीट पर इस्तीफा देना होता है क्योंकि वह एक ही सीट अपने पास रख सकता है।

स्वतंत्र उम्मीदवार पर लगाएं रोक

याचिका में कहा गया है कि लॉ कमिशन की रिपोर्ट में यह भी था कि स्वतंत्र उम्मीदवार को रोका जाए क्योंकि कई बार डमी कैंडिडेट होते हैं। सिर्फ रजिस्टर्ड पार्टी के उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में हों और जिन्हें भी चुनाव लड़ना है पहले उन्हें पार्टी रजिस्टर्ड कराना चाहिए।

Created On :   5 Oct 2017 5:23 PM GMT

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