5 महीने में सिर्फ 5 बेरोजगारों को ही मिला कर्ज, बाकी 121 काट रहे चक्कर

Only 5 unemployed got loan from last 5 Months, 121 application
5 महीने में सिर्फ 5 बेरोजगारों को ही मिला कर्ज, बाकी 121 काट रहे चक्कर
5 महीने में सिर्फ 5 बेरोजगारों को ही मिला कर्ज, बाकी 121 काट रहे चक्कर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विनोद झाड़े। बेरोजगारों को रोजगार देने के उद्देश्य से शुरू किए गए अन्नासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल से बेरोजगारों का मोहभंग होता जा रहा है। पिछले पांच महीने में नागपुर जिले में केवल 5 बेरोजगारों को ही कर्ज मिल सका है। बेरोजगार महामंडल व बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं। कर्ज के लिए पात्र 121 बेरोजगार पिछले कई महीने से बैंक के चक्कर काटकर बैरंग लौट रहे हैं। बेरोजगारों को व्यवसाय के लिए कर्ज देकर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2017 को जीआर जारी किया। इसके तहत किसी भी कैटेगरी के बेरोजगार को 10 लाख तक का कर्ज दिया जा सकता है। बशर्ते उसके परिवार की आय सालाना 8 लाख से कम हो आैर उसकी आयु 18 से 45 के बीच हो।

पात्र होने के बावजूद कर्ज के लिए चक्कर लगाने की नौबत
महामंडल का 400 करोड़ का बजट है आैर आॅनलाइन फार्म भरते समय बेरोजगार खुद अपनी पसंद की बैंक का चयन कर सकता है। राष्ट्रीयकृत, सेड्यूल व को-आपरेटिव बैंक से भी कर्ज लिया जा सकता है। योजना का काम प्रत्यक्ष रूप से फरवरी 2018 से शुरू हुआ आैर 30 जून तक जिले के केवल 5 बेरोजगारों को ही कर्ज मिल सका है। महास्वयं साइट पर जाकर आॅनलाइन फार्म भरना पड़ता है। नियम, शर्तों को पूरा करते हुए सही जानकारी भरने पर महामंडल की तरफ से संबंधित व्यक्ति को लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) मिलता है। इसे पात्र बेरोजगार माना जाता है आैर संबंधित बेरोजगार बैंक जाकर उद्योग या व्यवसाय के लिए 10 लाख तक का कर्ज ले सकता है। केवल 5 बेरोजगारों को कर्ज मिला आैर 121 बेरोजगार LOI लेकर बैंक व महामंडल के चक्कर काट रहे हैं। वैसे तो आॅनलाइन आवेदन 200 से ज्यादा बेरोजगारों ने भरा, लेकिन LOI 121 को ही मिल सका है।

सरकार चुकाती है ब्याज
इस योजना के तहत बेरोजगार को 5 से 7 साल के लिए दस लाख तक का कर्ज दिया जाता है आैर इस दौरान इसका ब्याज सरकार चुकाती है। टूर, ट्रैवल्स, गृह उद्योग, होटल व दुकान के लिए भी कर्ज दिया जाता है। आवेदन करते समय एड्रेस प्रूफ, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, आयु व आय प्रमाणपत्र, एस्टिमेट एवं सीए की रिपोर्ट देनी पड़ती है।

बैंक से नहीं मिल रहा प्रतिसाद 
प्रवीण खंडारे, सहायक संचालक अन्नासाहेब पाटील आर्थिक विकास महामंडल के मुताबिक योजना बहुत अच्छी आैर हम बेरोजगारों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज देना चाहते हैं। बैंक से उचित प्रतिसाद नहीं मिल रहा। बेरोजगार जिस बैंक से कर्ज लेना चाहते हैं, उनसे हम चर्चा करते हैं, लेकिन कर्ज नहीं दिया जा रहा। जिले में केवल 5 लोगों को ही कर्ज दिया जा सका है। कर्ज के लिए कई बेरोजगार पात्र हैं, लेकिन कर्ज मंजूर करने का अधिकार बैंक का है। सेंट्रल बैंक से 3, पीएनबी व शिक्षक सहकारी बैंक से 1-1 केस मंजूर हुई है। जिलाधीश कार्यालय को इसकी जानकारी दी गई है। 

जिलाधीश से की जाएगी शिकायत
प्रियंका कपले, जिला समन्वयक का कहना है कि बेरोजगारों को कर्ज देने की गति बेहद धीमी है। हम कई बार बैंक के ध्यान में यह बात ला चुके हैं, लेकिन बैंक से उचित प्रतिसाद नहीं मिल रहा। बेरोजगार बैंकों के व्यवहार से नाराज हैं। बैंक अधिकारियों से भी कई बार चर्चा की गई। जिला अग्रणी बैंक को इस संबंध में सूचित करने के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी। जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक 4 जुलाई को है। इसके अध्यक्ष जिलाधीश हैं। इस बैठक में जिलाधीश से बैंकों की शिकायत की जाएगी। 121 बेरोजगार कर्ज के लिए पात्र हाे चुके हैं।

Created On :   1 July 2018 4:45 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story