नोएडा के आठ बिल्डरों की गिरफ्तारी के लिए मंत्रियों के समूह ने जारी किए आदेश

डिजिटल डेस्क, नोएडा। नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर में गड़बड़ी को सुलझाने के लिए यूपी सरकार द्वारा मंत्रियों के एक समूह ने आठ बिल्डरों की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। गौतम बुद्ध नगर एसएसपी लव कुमार ने आठ बिल्डरों को होमबॉय करने वालों को फ्लैट्स नहीं देने के लिए गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि बिल्डरों द्वारा 5,000 फ्लैट नहीं देने के कारण यह आदेश जारी किए गए हैं। हालांकि नोएडा के अधिकारियों ने इन बिल्डरों के नाम से इनकार कर दिया है।
इन समूहों के खिलाफ मामला दर्ज
जानकारी के अनुसर, सितंबर में, पुलिस ने छह बिल्डरों के खिलाफ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में परियोजनाओं के साथ 13 एफआईआर दर्ज की थी। अगस्त में उसी तीन सदस्यीय कैबिनेट समिति द्वारा आयोजित बैठकों के बाद आम्रपाली, सुपरटेक, अल्पाइन रियलटेक, प्रोव समूह, टुडे होम्स और जेएनसी कंस्ट्रक्शन के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी। इन बिल्डरों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (ट्रस्ट का आपराधिक उल्लंघन) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया था निर्देश
शहरी आवास मंत्री सुरेश खन्ना ने एसएसपी को सभी बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि "जो बिल्डर घर खरीदने वालों को अधिकार सौंपने में नाकाम रहे हैं और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।" समिति ने जोर देकर कहा कि दिसंबर के अंत तक बिल्डरों को 50,000 फ्लैट्स वितरित करने के लिए कहा गया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अगस्त में तक इसे निर्धारित करने के लिए कहा था।
32,500 फ्लैट्स देने का रोडमैप
अधिकारियों ने बताया कि तीन विकास प्राधिकरण- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के पास साल के अंत तक 32,500 फ्लैट्स देने का एक रोडमैप है, लेकिन समिति ने अब शेष 17,500 इकाइयों को देने की योजना के लिए कहा है। शहरी आवास मंत्री सुरेश खन्ना, यूपी उद्योग मंत्री सतीश महाना और गन्ना विकास और राज्य के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के अलावा सुरेश राणा भी इस समिति का हिस्सा हैं।
समीक्षा बैठक में दिया फ्लैट्स देने का वादा
सोमवार को हुई एक समीक्षा बैठक में मंत्री समिति द्वारा दिए गए निर्देश सामने आए हैं। बैठक में नोएडा प्राधिकरण ने समिति को बताया है कि नोएडा में 11,000 फ्लैट्स वितरित किए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों ने 14,000 अपार्टमेंट्स देने का वादा किया है। वहीं यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने 7,525 फ्लैटों का वादा किया है, जिसमें 2,970 घर हैं, जिनके पास प्राधिकरण बनाया गया है।
नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, 5,670 फ्लैटों को नवंबर तक सौंप दिया गया था। इसके अलावा, साल के अंत वितरण के लिए 3,791 फ्लैटों को तेजी से ट्रैक किया जा रहा है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों ने मंत्रियों के समूह को यह बताया कि उन्होंने 4,59 फ्लैटों पर पहले से ही कब्जा कर लिया है। ग्रेटर नोएडा में लगभग 5,000 फ्लैट्स को जनवरी 2018 तक पूरा करने के लिए जोर दिया जा रहा है।
फ्लैट मिलने में क्या है दिक्कत
बता दें कि बिल्डरों ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट के लिए तो आवेदन कर दिया है, लेकिन उनके प्रॉजेक्ट को जरूरी एनओसी नहीं मिल पा रही है। इसलिए जब तक एनओसी नहीं मिल जाती और अथॉरिटी को पैसे नहीं मिल जाते, तब तक वह कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं कर सकती। उधर, नोएडा अथॉरिटी ने जो 11 हजार फ्लैट के पजेशन का लेखा-जोखा दिया है, वह भी तभी पूरा हो सकता है जब अथॉरिटी उन पर सख्ती बरते। मंगलवार को इसके लिए होने वाली मीटिंग में बिल्डरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर भी निर्णय लिया जा सकता है। ऐसे बिल्डरों की सूची एसएसपी को भेजी जा सकती है, ताकि वह गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू कर सकें।
Created On :   5 Dec 2017 9:39 AM IST