पाकिस्तान ने आखिरकर बैन किया आतंकी हाफिज का संगठन जमात-उद-दावा
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आखिरकर आतंकी हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और उसकी इकाई फलाह-ए-इंसानियत को बैन कर दिया है। पाकिस्तान की इंटीरियर मिनिस्ट्री ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी किया। हाफिज के संगठनों को पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अधिनियम 1997 के तहत बैन किया गया है।
इससे पहले सोमवार को नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी (NCTA) की वेबसाइट पर बैन किए गए आतंकी संगठनों की जुड़ी लिस्ट को अपलोड किया था। इस लिस्ट में हाफिज के दोनों ही संगठनों को बैन करने की जगह आतंकवाद रोधी अधिनियम 1997 की दूसरी अनुसूची की धारा 11-डी-(1) के तहत गृह मंत्रालय की निगरानी में रखा था। ऐसे में पाकिस्तान की कथनी और करनी को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे।
Hafiz Saeed"s Jama"at-ud-Da"wah and its subsidiary Falah-e-Insaniat Foundation banned under Anti Terrorism Act 1997 by Pakistan"s Interior Ministry. pic.twitter.com/GhzSTgOWM1
— ANI (@ANI) March 5, 2019
पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव के चलते उसने 21 फरवरी, 2019 को हाफिज सईद के दोनों संगठनों पर बैन लगाने की आधिकारिक घोषणा की थी। जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे और स्कूल, अस्पताल, एक प्रकाशन और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं। दोनों समूहों के पास करीब 50,000 स्वयंसेवक और सैकड़ों की संख्या में वेतनभोगी कर्मचारी हैं।
प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में हुई NSC की बैठक में इसे बैन करने का फैसला लिया गया था। इस बैठक में आर्मी चीफ जनरल बाजवा सहित अन्य डिसिजन मेकर शामिल हुए थे। मीटिंग के बाद बयान जारी कर कहा गया था कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज करेगा।
बता दें कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से जोर देकर कहा था कि पाकिस्तान को निगरानी सूची से बाहर नहीं किया जाना चाहिए। यहां तक की भारत ने यह भी मांग की थी कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया जाए। इसी वजह से पाकिस्तान ने हाफिज सईद को दोनों संगठनों को बैन करने का ऐलान किया था और दिखाने की कोशिश की थी कि वह आतंकियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रहा है।
हालांकि इसके बावजूद FATF ने उसे ग्र लिस्ट में बरकरार रखा था और चेतवनी थी कि अगर उसने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई नहीं की तो फिर उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। पाकिस्तान को इसके लिए अक्टूबर, 2019 तक का समय दिया गया है।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों पर आत्मघाती हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश-ए-मोहम्मद वहीं संगठन है जिसे पाकिस्तान अपनी धरती पर पालता-पोसता है। इस हमले के बाद से ही पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की जा रही है।
Created On :   5 March 2019 11:19 PM IST