यदि दलितों के हित की बात ही न रख सकूं तो इस्तीफा देना ही सही : मायावती

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन ही संसद में बवाल देखने को मिला। उत्तर प्रदेश में हो रहे दंगों पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में तीखी प्रतिक्रिया दी। सदन की कार्यवाही के दौरान उन्होंने कहा, मेरी बात नहीं सुनी गई तो मैं इस्तीफा दे दूंगी। इसके बाद वह राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए वह सदन से बाहर चली गईं। राज्यसभा में मायावती ने यूपी की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने राज्यसभा में सहारनपुर मामले का मुद्दा उठाया। मायावती ने कहा कि पूरे देश में जहां पर भी भाजपा की सरकार है वहां पर दलितों पर अत्याचार हो रहा है। सहारनपुर की हिंसा साजिश की तहत की गई।
मायावती ने कहा, मैं जिस समाज से आती हूं यदि उनके हित की बात आगे नहीं रख सकती तो मुझे राज्यसभा में बने रहने का अधिकार नहीं है। इस बीच समय की कमी के कारण सभापति ने उन्हें बोलने से रोका तो उन्होंने इस्तीफे की धमकी दे दी।
माफी मांगे मायावती
मायावती की धमकी के बाद बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, मायावती ने इस्तीफे की धमकी देकर चेयर का अपमान किया है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
सरकार पर आरोप
सीताराम येचुरी ने सरकार पर विपक्ष की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया। राज्यसभा में सरकार पर दलित-विरोधी होने का विपक्ष ने लगाया नारा। इस बीच हंगामे के बाद कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया।
इन मुद्दों पर विपक्ष करना चाहता है चर्चा
कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद ने कहा, देश दलितों, अल्पसंख्यों और किसानों के साथ लिंचिंग हो रही है। सरकार को इन्हीं चीजों के लिए बहुमत मिला है तो वह उसके साथ नहीं है। सभी दलों के साथ मीटिंग में प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया था कि जिस विषय पर विपक्ष बात करना चाहेगा उस पर ही चर्चा होगी। सरकार कार्यवाही में बाधा नहीं डालेगी।
Created On :   18 July 2017 11:38 AM IST