पासवान के आवास का पानी आईएसओ मानक पर फेल : बीआईएस
- पासवान के आवास का पानी आईएसओ मानक पर फेल : बीआईएस
नई दिल्ली, 28 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य, एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान का आवास 12 जनपथ से लिया गया पीने के पानी का नमूना भी आईएसओ मानकों पर विफल पाया गया। यह बात भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत को बताई।
बीआईएस ने बताया कि केंद्रीय मंत्री के आवास से लिया गया पीने के पानी का नमूना गंध व अल्यूमीनियम, कॉलीफॉर्म के मानक के अनुरूप विफल पाया गया।
बीआईएस की रिपोर्ट में दिल्ली में विभिन्न जगहों से लिए गए पीने के पानी (नल से आपूर्ति किया जाने वाला पानी) के सभी 11 नमूने आईएसओ के मानकों के अनुरूप विफल पाए गए।
रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी में नगरपालिका/निगम/जलबोर्ड द्वारा लोगों के धरों में आपूर्ति किए जाने वाले पानी के नमूने लिए गए थे जिनकी जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में भेजा गया।
पानी के नमूने जांच के लिए नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड लेबोरेटरी भेजा गया था।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीआईएस के वकील विपिन नायर से पूछा कि पीने के पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए कौन सा तरीका अपनाना चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता भी शामिल हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा, नल क्षतिग्रस्त है। इसके लिए कौन से कदम उठाने की आवश्यकता है। गंदा पानी जलापूर्ति की पाइपलाइन में रिसकर जाता है। पाइप अगर पूरानी हो गई हो। आपके आपूर्ति केंद्र के अधिकारी भ्रष्ट हो सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने यह बात पर्यावरण संबंधी मामलों की सुनवाई के दौरान कही।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे भी उदाहरण हो सकते हैं जहां पानी साफ करने की देखरेख करने वाले अधिकारी सही पेयजल में सही से रासायन नहीं मिलाता हो। पानी के दूषित होने के कई स्रोत हो सकते हैं। इसके अलावा पानी के क्षेत्र में माफिया भी एक मुद्दा है।
न्यायमूर्ति गुप्ता ने एक उदाहरण दिया जहां करीब 10 साल से पानी की पाइप लीक कर रही थी और माफिया इससे कमाई कर रहे थे।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड से 15 दिनों के भीतर पानी के नमूनों पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
अदालत ने संबद्ध प्राधिकरणों से यह भी बताने को कहा कि क्या वे पानी के मौजूदा पाइप को बदलना चाहते हैं।
Created On :   28 Feb 2020 11:30 PM IST