कश्मीर कब्रिस्तान में बुलडोजर चलाने की कोशिशों से यूपी के शिया समुदाय के लोग खफा

People of UPs Shia community angered by efforts to run bulldozers in Kashmir cemetery
कश्मीर कब्रिस्तान में बुलडोजर चलाने की कोशिशों से यूपी के शिया समुदाय के लोग खफा
उत्तर प्रदेश कश्मीर कब्रिस्तान में बुलडोजर चलाने की कोशिशों से यूपी के शिया समुदाय के लोग खफा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। एक स्थानीय बिल्डर द्वारा कथित तौर पर कश्मीरी कब्रिस्तान और एक जीर्ण-शीर्ण इमामबाड़े को नुकसान पहुंचाने की खबरों से शिया समुदाय खफा है। शिया मौलवियों और एक वकील ने संरचनाओं के पुनर्निर्माण की कसम खाई है।

रविवार को साइट की खुदाई करने वाले एक अर्थमूवर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसके बाद शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पास साइट पर पहुंचे और काम बंद करवा दिया। मौलाना कल्बे जवाद ने भी परिसर में एक मजलिस का आयोजन किया और क्राउडफंडिंग के माध्यम से इमामबाड़े के पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया।

एक अन्य शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने कहा, काम रोक दिया गया है लेकिन कुछ कब्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। हम क्षतिग्रस्त कब्रों के साथ-साथ चारदीवारी और एक उचित द्वार के पुनर्निर्माण में मदद करेंगे। भूमि एक वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत है और लखनऊ में कश्मीरियों द्वारा उपयोग की जाती है।

मौलाना कल्बे जवाद ने कहा, भूमि को मुक्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। हम इसे क्राउडफंडिंग के माध्यम से फिर से बनाएंगे। मैं एक अन्य मौलवी के साथ इमामबाड़ा के लिए 50,000 रुपये का दान दूंगा और 30,000 रुपये समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा गिरवी रखे गए हैं। उन्होंने मांग की कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की जाए।

लखनऊ के रहने वाले मुंबई के एक वकील महमूद आबिदी कश्मीरी मूल के हैं और उनके पूर्वजों को कब्रिस्तान में दफनाया गया है। उन्होंने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि उनके परदादा को कब्रिस्तान में दफनाया गया था। उन्होंने कहा, हमारे समुदाय के बुजुर्गों की कब्रें वहां रखी गई हैं। हम अपने पूर्वजों को सम्मान देने के लिए रमजान और मुहर्रम के दौरान शब-ए-बारात और अन्य विशेष अवसरों पर इस कब्रिस्तान में जाते हैं।

(आईएएनएस)

 

Created On :   4 Oct 2021 9:00 AM GMT

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