जम्मू-कश्मीर में 15 साल रह चुके लोग स्थाई निवासी होने के पात्र

People who have lived in Jammu and Kashmir for 15 years are eligible to be permanent residents
जम्मू-कश्मीर में 15 साल रह चुके लोग स्थाई निवासी होने के पात्र
जम्मू-कश्मीर में 15 साल रह चुके लोग स्थाई निवासी होने के पात्र

नई दिल्ली, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रह चुके किसी भी व्यक्ति को अब केंद्र शासित प्रदेश का स्थाई निवासी माना जाएगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को नवीनतम गजट अधिसूचना में यह बात कही है।

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के आठ महीने बाद, सरकार ने स्थाई निवासियों के लिए नए अधिवास कानून जारी किए हैं।

जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा (विकेंद्रीकरण और भर्ती) अधिनियम उस व्यक्ति को स्थाई निवासी परिभाषित करता है, जो केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में 15 साल की अवधि तक रह चुका है या उसने सात साल तक वहां पढ़ाई की है और कक्षा 10 या 12वीं की परीक्षा केंद्र शासित प्रदेश में स्थित शैक्षणिक संस्थान से दी है।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के संविधान के 35ए ने इसे एक स्थाई निवासी को परिभाषित करने का अधिकार दिया था।

यदि किसी व्यक्ति को केंद्र शासित प्रदेश में राहत और पुनर्वास आयुक्त द्वारा प्रवासी के रूप में पंजीकृत किया जाता है, तो उसे भी स्थाई निवासी माना जाएगा।

धारा 3ए के अंतर्गत इस परिभाषा में उन केंद्र सरकार के अधिकारियों, अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों, पीएसयू के अधिकारियों और केंद्र सरकार के स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, वैधानिक निकायों के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान के बच्चे शामिल हैं, जो जम्मू-कश्मीर में दस साल की अवधि तक सेवा की है या माता-पिता के बच्चे जो इन सेक्शन में से किसी भी शर्त को पूरा करते हैं।

परिभाषा में आगे कहा गया है कि उन निवासियों के बच्चे अपने रोजगार या व्यवसाय या अन्य व्यावसायिक या व्यावसायिक कारणों के संबंध में जम्मू-कश्मीर के बाहर रहते हैं, लेकिन उनके माता-पिता पहले प्रदान की गई किसी भी शर्त को पूरा करते हैं, वे भी स्थाई निवासी बनने के पात्र हैं।

अधिनियम के प्रावधानों में आगे कहा गया है कि अपने क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में तहसीलदार अधिवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिए सक्षम प्राधिकारी होगा।

अधिनियम की धारा 5ए में आगे कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति तब तक लेवल चार के स्तर से अधिक के वेतनमान वाले पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा जब तक कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का स्थाई निवासी नहीं है।

Created On :   1 April 2020 7:02 PM IST

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