कांची शंकराचार्य के निधन पर पीएम, प्रेसिडेंट और राहुल गांधी ने जताया शोक
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांचीपुरम मठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शंकराचार्य के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित अन्य राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। गौरतलब है कि शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती कई दिनों से बीमार चल रहे थे और कांचीपुरम के एक हॉस्पिटल में एडमिट थे। जयेंद्र सरस्वती कांची मठ के 69वें शंकराचार्य बनाए गए थे।
पीएम ने साझा की तस्वीर
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर शंकराचार्य के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए शोक जताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, "श्री कांची कामकोटि पीठ के आचार्य जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन पर गहरा दुख हुआ। वह अपनी अनुकरणीय सेवा और नेक विचारों की वजह से लाखों भक्तों के दिलो-दिमाग में जीवित रहेंगे। उनकी आत्मा को शांति मिले।" पीएम मोदी ने कहा, "जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य असंख्य सामुदायिक अभियानों के अगुवा थे। उन्होंने गरीबों और वंचितों के जीवन में बदलाव लाने वाले संस्थानों का विकास किया।
Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya was at the forefront of innumerable community service initiatives. He nurtured institutions which transformed the lives of the poor and downtrodden. pic.twitter.com/s1vTpSxbbl
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2018
Deeply anguished by the passing away of Acharya of Sri Kanchi Kamakoti Peetam Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya. He will live on in the hearts and minds of lakhs of devotees due to his exemplary service and noblest thoughts. Om Shanti to the departed soul. pic.twitter.com/pXqDPxS1Ki
— Narendra Modi (@narendramodi) February 28, 2018
खबर सुनकर दुखी हूं
कांग्रेस अध्यश्र राहुल गांधी ने भी कांची शंकराचार्य के निधन पर शोक जताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "मैं कांची कामकोटि पीठ के जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं।" राहुल ने कहा, "उन्हें दुनियाभर में उनकी शिक्षाओं के लिए लाखों भक्तों द्वारा पूजा गया। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।"
I’m saddened to hear about the death of Jagadguru Pujyashri Jayendra Saraswathi Shankaracharya of the Kanchi Kamakoti Peetham.
— Office of RG (@OfficeOfRG) February 28, 2018
He was revered by lakhs of believers all over the world for his teachings.
May his soul rest in peace.
देश ने सामाजिक सुधारक खो दिया
वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए ट्वीट कर लिखा, "कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। हमारे देश ने एक आध्यात्मिक नेता और सामाजिक सुधारक खो दिया है। मेरी संवेदनाएं उनके असंख्य शिष्यों और अनुयायियों के साथ हैं।"
कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। उन्होने अध्यात्म और समाज कल्याण के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उनके अनगिनत श्रद्धालुओं के प्रति मैं शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं – राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 28, 2018
कौन थे जयेंद्र सरस्वती?
जयेंद्र सरस्वती को शंकाराचार्य बनाए जाने से पहले सुब्रमण्यम अय्यर के नाम से जाना जाता था। उनका जन्म 18 जुलाई 1935 को तमिलनाडु के कांचीपुरम में हुआ था। कांचीपुरम मठ के 68वें शंकराचार्य श्री चंद्रशेखर सरस्वती स्वामीगल ने 22 मार्च 1954 को उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। जयेंद्र सरस्वती ने 1983 में शंकर विजयेंद्र सरस्वती को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। बता दें कि कांचीपुरम मठ की स्थापना आदिगुरू शंकराचार्य ने 5वीं शताब्दि में की थी। ये मठ कई स्कूल, क्लीनिक और हॉस्पिटल भी चलाता है।
क्या है कांचीपुरम पीठ?
कांची कामकोठी पीठ तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में स्थित है और ये 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिंदु मान्यताओं के अनुसार जहां-जहां देवी सती के अंग के टुकड़े, वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां शक्तिपीठों की स्थापना की गई। माना जाता है कि कांचीपुरम में सती का कंकाल गिरा था और इसी कारण यहां कांची कामकोठी पीठ की स्थापना आदिगुरू शंकाराचार्य ने की थी। यहां पर देवी कामाक्षी का भव्य मंदिर है, जहां कामाक्षी देवी की विशाल मूर्ति है। जयेंद्र सरस्वती के निधन के बाद अब शंकर विजयेंद्र सरस्वती कांचीपुरम पीठ के 70वें शंकराचार्य होंगे।
Created On :   28 Feb 2018 6:04 PM IST