कांग्रेस और उसके नामदारों की फोन बैंकिंग ने देश को पहुंचाया नुकसान : पीएम मोदी

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक स्कीम की शुरुआत की।
- पीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार पुरानी व्यवस्थाओं को जर्जर हालत में छोड़ने वाली नहीं है।
- वर्तामान सरकार इसे रिफॉर्म करके
- परफॉर्मेंस के साथ उन्हें ट्रान्सफॉर्म करने का काम कर रही है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक स्कीम की शुरुआत की। इस अवसर पर "आपका बैंक आपके द्वार" का स्लोगन देते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (IPPB) से देश को एक बहुत बड़ा संसाधन मिल रहा है। पीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार पुरानी व्यवस्थाओं को जर्जर हालत में छोड़ने वाली नहीं है, बल्कि उसे रिफॉर्म करके, परफॉर्मेंस के साथ उन्हें ट्रान्सफॉर्म करने का काम कर रही है। पीएम ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और उसके नामदारों की फोन बैंकिंग ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि एक सितम्बर देश के इतिहास में एक नई और अभूतपूर्व शुरुआत के रूप में जाना जाएगा। IPPB के माध्यम से सरकार देश के दूर दराज इलाकों में रहने वाला हर गरीब तक बैंक और बैकिंग सुविधा पहुंचाने का काम कर रही है। पीएम ने कहा, IPPB देश के अर्थतंत्र और सामाजिक व्यवस्था में एक बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। हमारी सरकार ने पहले जनधन के माध्याम से करोड़ों गरीब परिवार को पहली बार बैंक तक पहुंचाया। अब इस IPPB इनिशिएटिव से हम बैंकों को गांव वालों और गरीबों तक पहुंचाने का काम शुरू कर रहे हैं। इस नई व्यवस्था के लिए मैं सभी देशवासियों को बहुत बहुत बधाई देता हूं।
उनके भाषण के कुछ महत्वपूर्ण अंग-
देश के 650 जिलों में आज IPPB की शाखाएं प्रारंभ हो रही हैं। तीन लाख से अधिक पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवक देश के जन-जन से जुड़े हुए हैं। इतनी बड़ी सेवा को टेक्नोलॉजी से जोड़कर शक्तिशाली बनाने का बेड़ा NDA सरकार ने उठाया है।
IPPB के आने से चिट्ठियां लाने वाला डाकिया अब चलता फिरता बैंक भी बन गया है। डाकियों के प्रति सभी की निष्ठा रही है। चोर लुटेरे भी समझते थे कि डाकिया किसी गरीब मां के लिए मनीऑर्डर लेकर जा रहा है। पहले डाकिया से लोग समय का भी पता लगाते थे कि डाकिया आ गया यानि ये वक्त हो गया है।
चिट्ठी और डाकिया को लेकर जो विश्वनीयता पहले थी,वह अभी तक बरकरार है। अब डाकिया डाक लाया है के साथ साथ लोग यह भी कहेंगे कि डाकिया बैंक भी लाया है। IPPB में डाकिए न सिर्फ बैंकर होंगे बल्कि डिजिटल टीचर भी बनने वाले हैं।
जब से प्रधानमंत्री बना हूं तब से पोस्ट विभाग का भी काम बढ़ गया है। आज भी मुझे सैकड़ों की संखया में हर रोज चिट्ठी मिलती है। कोई चिट्ठी तभी लिखता है , जब उसे सामने वाले इंसान पर भरोसा हो। यह पत्र लोगों के साथ मेरा सीधा संवाद स्थापित करते हैं।
नए समय के साथ साथ नई-नई तकनीकें और व्यवस्था आती गईं, चाहे वह GST हो या डिजिटलाइजेशन हो। इस कड़ी में अब IPPB भी शामिल हो गया है।
भारतीय डाक विभाग वह व्यवस्था है, जिसके पास डेढ़ लाख से ज्यादा डाकघर हैं। इनमें से सवा लाख तो गांव में हैं। अब डाकिया के पास स्मार्टफोन है और बैग में डिजिटल डिवाइस है। एकता समानता समावेश सेवा और विश्वास का प्रतीक यह पोस्ट पेमेंट बैंक देश की बैंकिंग व्यवस्था को ही नहीं बल्कि डिजिटल लेन देन की व्यवस्था को भी विस्तार देने की ताकत रखता है।
IPPB में बचत खाते के साथ साथ, छोटे से छोटा व्यापारी अपना काम चलाने के लिए चालू खाता भी खोल सकता है। दूसरे राज्य में काम कर रहे लोग अपना पैसा आसानी से घर भेज पाएंगे। लोग दूसरे बैंक खातों में भी आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकता है।
आजादी के बाद से लेकर साल 2008 तक, देश के बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपए की राशि ही लोन के तौर पर दी थी। लेकिन 2008 के बाद के 6 वर्षों में ये राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपए हो गई। यानि जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था, उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के 6 साल में बांट दिया।
सरकार बनने के कुछ समय बाद ही हमें ऐहसास हो गया था कि कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को एक लैंडमाइन पर बिठाकर गया है। उसी समय देश और दुनिया के सामने इसकी सच्चाई रख दी जाती, तो ऐसा विस्फोट होता कि अर्थव्यवस्था संभल नहीं पाती। बहुत ऐहतियात के साथ इस संकट से देश को बाहर निकाला गया।
एक तरफ कल एशियन गेम्स में भारत ने अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस दिखाई है, तो दूसरी तरफ कल देश को अर्थव्यवस्था के आंकड़ों से भी मेडल मिला है। 8.2 प्रतिशत की दर से हो रहा विकास भारत के व्यवस्था की बढ़ती हुई ताकत को दिखा रहा है। एक नए भारत की उज्जवल तस्वीर को सामने ला रहा है।
Created On :   1 Sept 2018 6:44 PM IST