2008 से ही हो गई थी PNB घोटाले की शुरुआत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पीएनबी घोटाले की जड़ें बहुत गहराई तक समाई हुई है। इस घोटाले में अंडरटेकिंग (LoU) जारी करने वाले पूर्व पीएनबी अधिकारी गोकुलनाथ शेट्टी ने सीबीआई को बताया है कि LoU 2008 से ही जारी किए जा रहे थे। अरबपति ज्वेलर नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने का सिलसिला एक दशक से जारी था।
स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को पीएनबी के तीन गिरफ्तार अधिकारियों यशवंत जोशी, बेचू तिवारी और प्रफुल सावंत को 3 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। अभियोजन और बचाव पक्ष को सुनने के बाद स्पेशल जज एसआर तंबोली ने कहा, "संभव है कि बैंक के अधिकारी पैसे डायवर्ट करने में शामिल रहे हों। इसकी जांच की जरूरत है और जांच अधिकारी (IO) को आरोपियों से बहुत से डॉक्यूमेंट्स के साथ पूछताछ करनी है।"
सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि 2015-17 के बीच तिवारी ने शेट्टी के द्वारा जारी धोखाधड़ी वाले LoU की जांच नहीं की है। तिवारी को चीफ मैनेजर के रूप में शेट्टी के ट्रांजैक्शन को मॉनिटर करना था।
सीबीआई ने कोर्ट को यह बताया कि तीनों जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि बचाव पक्ष ने यह कहते हुए पुलिस कस्टडी का विरोध किया कि इन तीनों ने धोखाधड़ी को सामने लाने में मदद की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि धोखाधड़ी वाले LoUs से जुड़ी रकम करीब 6,000 करोड़ रुपये हो सकती है, जबकि बैंक द्वारा शिकायत में यह 280 करोड़ रुपये दर्ज है।
क्या होता है LoU
लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOU) एक बैंक द्वारा दूसरे बैंक को भेजी गई एक गारंटी है, जिसके आधार पर विदेशों में स्थित ब्रांच से लोन लिया जा सकता है। LOU जारी करने वाला बैंक इसके माध्यम से दूसरे बैंक को गारंटी देता हैं कि अगर व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता है, तो उसका लोन वह बैंक खुद चुकाएगा।
Created On :   21 Feb 2018 5:04 PM IST