इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक का दावा, UPA रोक सकती थी PNB घोटाला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंकिंग घाटाले (PNB घोटाला) में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इलाहाबाद बैंक के पूर्व निदेशक दिनेश दुबे का दावा है कि इस घाटोले को यूपीए सरकार रोक सकती थी। उन्होंने दावा किया कि 2013 में इलाहाबाद बैंक की निदेशक मंडल की बैठक में इस घोटाले की शुरुआत हुई थी। अगर वक्त रहते यूपीए सरकार चेत जाती तो आज ये घाटाला 10 से 50 गुणा तक बढ़ नहीं गया होता।
550 करोड़ के लोन का विरोध
दिनेश दुबे ने कहा कि 14 सितंबर 2013 में इलाहाबाद बैंक की निदेशक मंडल की बैठक हुई थी। नई दिल्ली के होटल रेडिसन में हुई इस बैठक में गीतांजली ज्वेलर्स के मालिक मेहुल चौकसी को 550 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दी गई थी। इस बैठक में दिनेश दुबे भी भारत सरकार की ओर से नियुक्त निदेशक की हैसियत से शामिल हुए। बैठक में दिनेश दुबे ने मेहुल चौकसी को 550 करोड़ लोन देने का विरोध किया। 16 सितंबर को इस बैठक की जानकारी दुबे ने भारतीय रिजर्व बैंक के तत्कालीन डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती और तत्कालीन वित्त सचिव राजीव टकरू को दी। इसके बाद बैंक अधिकारियों को तलब भी किया गया, लेकिन इसके बावजूद मेहुल चौकसी को बैंक की हांगकांग शाखा से भुगतान कर दिया गया।
अधिकारियों ने भरी जेब
दुबे का यह भी दावा है कि 550 करोड़ के लोन की मंजूरी की खबर RBI और केंद्रीय वित्त विभाग को भी मिल चुकी थी। लेकिन बैंक के अधिकारी मेहुल चौकसी को सैकड़ों करोड़ देकर खुद भी करोड़ों रुपये डकारने में लगे थे, जिसके चलते मामला दब गया। दिनेश दुबे के मुताबिक जब उन्होंने चौकसी को लोन देने का विरोध किया तो उनपर दवाब बनाने से लेकर उन्हें धमकाने की भी कोशिश की गयी थी।
2011 में हुई घोटाले की शुरुआत
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक के इस घोटाले की शुरुआत साल 2011 में हुई। 2018 तक ये घोटला बढ़कर 11 हजार 400 करोड़ का हो गया। पंजाब नेशनल बैकं के अधिकारियों से मिलीभगत कर डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और उनके सहयोगियों ने इस घोटाले को अंजाम दिया। साल 2017 में विदेश से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना ही नीरव मोदी को आठ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी कर दिए गए। LOU के आधार पर नीरव मोदी ने करीब 280 करोड़ रुपए का पेमेंट हांगकांग में किया। इसके बाद ये पूरा घाटाला सामने आ गया।
Created On :   16 Feb 2018 6:00 PM IST