MP के भगोड़े मिनिस्टर पर सियासी घमासान, पुलिस तीसरे दिन भी लौटी खाली हाथ

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री लाल सिंह आर्य, शिवराज सरकार के लिए सिरदर्द बनते जा रहे है। लाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए गोहद से आई पुलिस टीम ने गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भोपाल में छापे मारे, लेकिन लाल सिंह के न मिलने से पुलिस को बेरंग ही लौटना पड़ा। वहीं लाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर सियासी हलके में घमासान छिड़ा हुआ है।
नहीं मिले मंत्रीजी
मध्यप्रदेश के दागी मंत्री लाल सिंह आर्य पर हत्या का आरोप है। भिंड में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस विधायक माखन जाटव की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में स्पेशल जज योगेश कुमार गुप्ता की कोर्ट ने लालसिंह आर्य के खिलाफ 6 जमानती वारंट जारी करने के बाद सातवीं बार गैरजमानती वारंट जारी किया है। वारंट जारी होने के बाद से ही लालसिंह आर्य पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। सबसे पहले मंगलवार को भिंड पुलिस लाल सिंह की तलाश में उनके सरकारी आवास पर पहुंची थी। लेकिन मंत्रीजी के न मिलने के बाद सुरक्षाकर्मी से इस गिरफ्तारी वारंट की तामीली कराई गई। तीसरे दिन गुरुवार को भी गोहद पुलिस के सब इंस्पेक्टर अंबर सिंह सिकरवार और उनकी टीम ने लालघाटी के वीवीआईपी रेस्ट हाउस, कोलार में पीएचई के रेस्ट हाउस, बाणगंगा क्षेत्र के रेस्ट हाउस, बिलखरिया में वन विभाग के रेस्ट हाउस और कालियासोत बांध रेस्ट हाउस पर तलाश किया है, लेकिन मंत्री नहीं मिले।
सियासी हलचल तेज
लाल सिंह आर्य के खिलाफ वारंट निकलने के बाद सियासी हलके में भी घमासान छिड़ा हुआ है। आर्य की गिरफ्तारी न होने पर कांग्रेस प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना कर रही है। विपक्ष मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर दबाब बना रहा है। यहां तक की विपक्ष ने राज्यपाल से लालसिंह आर्य को बर्खास्त करने की मांग भी की है।
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि प्रदेश सरकार के जब मंत्री भगोड़ा हो गए तो प्रशासन के बारे में क्या कह सकते है। तन्खा ने कहा कि लाल सिंह आर्य को अदालत में पेश होकर एक उदाहरण पेश करना चाहिए।
बीजेपी का जवाब
हांलाकि बीजेपी ने लालसिंह आर्य का समर्थन करते हुए उन्हें निर्दोष बताया है और बर्खास्तगी और इस्तीफे की मांग को नकार दिया है। हाल ही में मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी बीजेपी के प्रेदेश अध्यक्ष नंद कुमार सिंह चौहान के उस बयान का समर्थन किया था जिसमे उन्होंने कहा था कि वारंट से कुछ नहीं होता है। लालसिंह आर्य भूमिगत ही रहें।
500 रुपए का इनाम घोषित
इधर मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई भी अपना विरोध जता रहा है। एनएसयूआई ने मंत्री के नाम के पोस्टर लगाए है। इन पोस्टर्स में आर्य को वांटेड बताया गया है। वहीं पता बताने वाले को 500 रुपए इनाम देने की घोषणा भी इन पोस्टरों में की गई है।
मर्डर केस में फरार
सूत्रों का कहना है कि लाल सिंह आर्य राजधानी भोपाल में डेरा डाले हुए हैं। पुलिस ने 19 दिसंबर से पहले उनकी गिरफ्तारी की उम्मीद जताई है, क्योंकि सुनवाई की अगली तारीख 19 दिसंबर ही तय की गई है। बताते चले की लोकसभा चुनाव के दौरान 13 अप्रैल 2009 को अज्ञात लोगों ने जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अन्य आरोपियों के अलावा आर्य को बाद में आरोपी बनाया गया।
Created On :   15 Dec 2017 1:42 PM IST