बंगाल में पूर्व सांसद बासुदेव आचार्य पर अटैक, नामांकन में राजनीतिक हिंसा

political violence Attacks on former MP Basudeb Acharia in Bengal
बंगाल में पूर्व सांसद बासुदेव आचार्य पर अटैक, नामांकन में राजनीतिक हिंसा
बंगाल में पूर्व सांसद बासुदेव आचार्य पर अटैक, नामांकन में राजनीतिक हिंसा

डिजिटल डेस्क, आसनसोल। बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन हो रहे हैं। इस दौरान शुक्रवार को भी राजनीतिक हिंसा जारी रही। नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया दो अप्रैल से शुरू हुई है। जिसके बाद से चुनाव से जुड़ी हिंसा में मालदा ओर बांकुड़ा जिलों में दो लोगों की जान चली गई है। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच मुर्शिदाबाद जिला के नबग्राम इलाका और बीरभूम जिला के नलहटी तथा बांकुड़ा जिला में नेताओं में झड़प की घटनाएं दर्ज की गई हैं।  

 

नामांकन पत्र नहीं भर पाए माकपा कार्यकर्ता

रानीगंज में माकपा कार्यकर्ताओं को नामांकन नहीं करने दिया गया। कथित हमलों के खिलाफ विपक्षी पार्टियों के उम्मीदवार नामांकन नहीं कर सके। तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नेशनल हाइवे 60 कुछ समय के लिए जाम किया। वहीं पुरुलिया जिले में भी राजनीतिक हिंसा जारी रही। घटनाओं के संबंघ में जिलाशासक से लिखित शिकायत भी की गई। जिसके बाद भी काशीपुर प्रखंड में माकपा कार्यकर्ताओं को कोई सुरक्षा नहीं दी गई। माकपा के पूर्व सांसद बासुदेव अचारिया के नेतृत्व में जा रहे कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया। बासुदेव अचारिया को गंभीर चोटें भी आई हैं।  
 

बीजेपी नेताओं की घटना की निंदा

जानकारी के अनुसार, कई नेताओं के सिर भी फटे हैं। सभी को विभिन्न अस्पतालों में दाखिल कराया गया है। जिलाशासक कार्यालय परिसर में प्रवेश करते ही परिसर में पहले से मौजूद रहे सशस्त्र तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया। घटना के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांकुड़ा-दर्गिापुर मुख्य सड़क को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आंदोलन समाप्त हुआ। 

 

बांकुड़ा की घटना शर्मनाक

भारतीय जनता युवा मोर्चा के हावड़ा जिला के महामंत्री ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि बांकुड़ा की घटना को देखते हुए शर्मनाक है। भाजपा शासित राज्यों में अगर किसी दलित या आदिवासी पर हमला होता है, तो बंगाल में मुख्यमंत्री खूब प्रतिक्रिया व्यक्त करती हैं। बंगाल में जब उनकी पार्टी के कार्यकर्ता आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं, दलितों को पीट रहे हैं, तो मुख्यमंत्री चुप हैं। ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि भले ही सीएम अपनी आंख पर पट्टी बाधें रखें, लेकिन बंगाल की जनता पूरा मामले देख रही है। जिस तरह वामपंथियों का बंगाल से विनाश हुआ, वहीं स्थिति तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की होने वाली है।  

Created On :   7 April 2018 8:40 AM IST

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