RSS कार्यक्रम में प्रणव मुखर्जी का होना इतिहास की महत्वपूर्ण घटना: आडवाणी
- आडवाणी भी लंबे लमय से संघ के स्वयंसेवक रहे हैं।
- पूर्व उपराष्ट्रपति मुखर्जी का RSS कार्यक्रम में शामिल होना महत्वपूर्ण घटना है।
- मुखर्जी और भागवत ने वैचारिक संबद्धताओं और मतभेदों से आगे बढ़कर प्रशंसनीय उदाहरण पेश किया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी के RSS के कार्यक्रम में शामिल होने को लाल कृष्ण आडवाणी ने इतिहास की महत्वपूर्ण घटना बताया है। दिग्गज बीजेपी नेता आडवाणी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी को न्योता देकर आरएसएस ने काफी अच्छा काम किया। आडवाणी ने कहा कि दोनों के भाषणों में सामंजस्य और जीवंतता साफ नजर आ रही थी। बता दें कि आडवाणी भी संघ के स्वयंसेवक रहे हैं।
मोहन भागवत की भी तारीफ की
आडवाणी ने कहा कि उनका मानना है मुखर्जी और भागवत ने वैचारिक संबद्धताओं और मतभेदों से आगे बढ़कर संवाद का एक प्रशंसनीय उदाहरण पेश किया। उन्होंने कहा, "दोनों ने भारत की एकता की जरूरत को अपने भाषण में रेखांकित किया। आडवाणी लंबे समय तक बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं। RSS के कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि "मोहन भागवत के नेतृत्व में RSS का विस्तार तमाम वर्गों तक हुआ। मुझे खुशी है कि उन्होंने संघ के लिए इतने प्रयास किए। एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना के साथ इस तरह का खुला संवाद निश्चित ही सहिष्णुता, सद्भाव और सहयोग का माहौल पैदा करने में मदद करेगा, जिसकी सभी को काफी जरूरत है।"
मुखर्जी ने सद्भावना का परिचय दिया: आडवाणी
लालकृष्ण आडवाणी ने पूर्व प्रेसीडेंट की तारीफ की और कहा कि RSS के न्योते को स्वीकार कर प्रणब मुखर्जी ने सद्भावना का परिचय दिया। उन्होंने कहा, "सार्वजनिक जीवन में लंबे अनुभव और उनके स्वभाव ने मिलकर उन्हें एक ऐसा स्टेट्समैन बना दिया है जो यह मानता है कि तमाम वैचारिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच संवाद और सहयोग बेहद जरूरी है।" बता दें कि प्रणब मुखर्जी को कार्यक्रम में शामिल होने से पहले कई लोगों द्वारा सलाह दी गई थी कि वे RSS के कार्यक्रम में शामिल न हों।
प्रणब मुखर्जी के साथ काम करने की खुशी है
कांग्रेस और विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रणब मुखर्जी पर निशाना भी साधा। हालांकि उनके संबोधन के बाद कांग्रेस हल्का महसूस कर रही है। पी. चिदंबरम जैसे कई बड़े कांग्रेसी नेताओं ने प्रणब मुखर्जी के भाषण की सराहना भी की है। RSS के मंच से प्रणब मुखर्जी ने कहा था, "मैं यहां पर राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति समझाने आया हूं। भारत के संविधान में आस्था रखना ही असली देशभक्ति है। विविधतता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हम लोगों की बस एक ही पहचान है "भारतीयता"।
आडवाणी ने कहा, "मुझे इस बात की खुशी है कि प्रणब बाबू के साथ संसद के भीतर और बाहर काम करने का मौका मिला। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बनने से पहले बतौर सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं।
Created On :   8 Jun 2018 5:11 PM IST