प्रार्थना सभा में छलका आडवाणी का दर्द, मोदी-भागवत को यूं याद आए अटल

prayer meet organized in memory of former PM Atal Bihari Vajpayee
प्रार्थना सभा में छलका आडवाणी का दर्द, मोदी-भागवत को यूं याद आए अटल
प्रार्थना सभा में छलका आडवाणी का दर्द, मोदी-भागवत को यूं याद आए अटल
हाईलाइट
  • दिल्ली के IGI स्टेडियम में ये सभा आयोजित की गई।
  • देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सोमवार को प्रार्थना सभा का आयोजन।
  • सभी पार्टी के नेता पार्थना सभा में शामिल हुए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में सोमवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। दिल्ली के IGI स्टेडियम में ये सभा आयोजित की गई। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक के लगभग सभी राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों के बड़े नेता इसमें शामिल हुए। पीएम नरेन्द्र मोदी ने इस दौरान कहा कि अटल जी ने युवावस्था में ही तय किया था कि वह अपने साथी भारतीयों की सेवा करना चाहते हैं। वह राजनीति में उस समय आए जब देश में केवल एक पार्टी का बोलबाला हुआ करता था। अटल जी कई सालों तक विपक्ष में रहे, लेकिन एक बार भी उन्होंने अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। इस दौरान 65 साल तक अटलजी के खास दोस्त रहे लालकृष्ण आडवाणी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत कई बड़े नेताओं ने प्रार्थना सभा को संबोधित किया।

 

 

क्या कहा पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने कहा, अटल जी के प्रयासों ने सुनिश्चित किया कि भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बने। उन्होंने 11 मई 1998 के परीक्षणों के लिए हमारे वैज्ञानिकों की प्रतिभा को सराहा। दो दिन बाद, भारत ने फिर से परीक्षण किया और दिखाया कि एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व क्या कर सकता है। वह कभी दबाव में नहीं आए, क्योंकि वह अटल थे। प्रधानमंत्री रहते हुए अटल जी ने तीन राज्य बनाए, जो समृद्ध हो रहे हैं। इन राज्यों को बनाने की प्रक्रिया शांतिपूर्ण और बिना किसी कड़वाहट की थी।

पीएम ने कहा, जब अटल जी ने 13 दिनों की सरकार बनाई, तो कोई भी पार्टी उनके समर्थन के लिए तैयार नहीं थी। सरकार गिर गई, लेकिन उन्होंने आशा नहीं खोई और वह लोगों की सेवा करते रहे। उन्होंने कहा, कल बजरंग पूनिया ने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता, उन्होंने शायद अटल जी को कभी देखा भी नहीं होगा, लेकिन इसके बाद भी अटल जी को गोल्ड मेडल समर्पित किया, मुझे लगता है कि यह अटल जी के व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहता है।

 

 

क्या कहा लालकृष्ण आडवाणी ने?

  • जीवन में अनेक सभाएं संबोधित की हैं लेकिन ऐसी सभा कभी संबोधित करूंगा, ये कल्पना कभी मेरे मन में नहीं थी।
  • मैंने एक किताब लिखी थी, उसमें अटल जी के न आने पर मुझे बेहद दुख हुआ था।
  • मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मेरी अटल जी से मित्रता 65 साल तक चली।
  • मैंने अटल जी से बहुत कुछ पाया है। अटल जी की गैरमौजूदगी में बोलने पर मुझे बहुत दुख हो रहा है।
  • अटल जी और मैं साथ में सिनेमा देखते थे, वह भोजन बहुत अच्छा पकाते थे, वे चाहे खिचड़ी ही सही।
  • अटल जी ने जो कुछ हमें सिखाया, जो कुछ दिया, उसे हम ग्रहण करें।

 

 

क्या कहा मोहन भागवत ने?

  • भाजपा आज फलदायी है, उसे सींचकर बड़ा करने वाले महान हैं।
  • मुझे अटल जी का सानिध्य ज्यादा नहीं मिला। तरुण अवस्था में मैं भी उनका भाषण सुनने के लिए जाया करता था।
  • सार्वजनिक जीवन पर इतनी ऊंचाई पर पहुंचने के बाद भी वे सामान्य जन के प्रति बेहद संवेदनशील थे।
  • कठिन से कठिन परिस्थिति से गुजरते हुए भी उनके अंदर का कवि जिंदा रहता था।
  • राजनीति में आने के बाद भी एक स्वयंसेवक की संवेदनाओं को बनाए रखने का अटल जी ने आदर्श पेश किया।

 

 

क्या कहा गुलाम नबी आजाद ने?

  • बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपनी मौत के बाद भी दूरियों को कम करते हैं।
  • अटल जी जाते-जाते सबको एक कर गए।
  • अटल जी की जुबान बेहद मीठी थी। वे सदन में चाहें जितनी कड़वी बात कहते, वो मीठी ही लगती थी। 
  • आज के समय में मीठी बात कहने पर भी कड़वी ही लगती है।

 

 

Created On :   20 Aug 2018 11:33 AM GMT

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