Pahalgam Terror Attack: पहलगाम हमला था पाकिस्तान की सोची समझी साजिश, NIA की शुरुआती जांच रिपोर्ट में पाक की सांठगांठ का खुलासा

पहलगाम हमला था पाकिस्तान की सोची समझी साजिश, NIA की शुरुआती जांच रिपोर्ट में पाक की सांठगांठ का खुलासा
  • पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ था आतंकी हमला
  • NIA की शुरुआती जांच रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
  • हमले के पीछे पाकिस्तान की साजिशा का पर्दाफाश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के देश इंतजार कर रहा है। इस हमले में आतंकियों ने 28 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से देश में आक्रोश का माहौल है। पहलगाम आतंकी हमले के एक सप्ताह बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में हमले के पीछे पाकिस्तान की गहरी साजिश का खुलासा हुआ है।

एनआईए ने जारी की शुरुआत रिपोर्ट

एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट में पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े कई खुलासों के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआई और पाकिस्तानी सेना ने मिलकर अंजाम दिया था। इस हमले की प्लानिंग पाकिस्तान के लश्कर हेडक्वार्टर में आईएसआई के इशारे पर की गई थी। जांच में खुलासा हुआ है कि पहलगाम हमले के आतंकवादी पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बैठे अपने हैंडलर्स के कॉन्टैक्ट में थे। पाकिस्तान से आतंकियों को दिशा-निर्देश और फंडिंग भेजी जा रही थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, अलावा पहलाम आतंकी हमले में शामिल आतंकियों की भी पहचान हो गई है। ये आतंकी पीओके से जुड़े हुए थे। इनमें से हमले पहचान हाशिम मूसा और अली उर्फ तल्हा भाई के रूप में हुई है। यह दोनों आतंकवादी पाकिस्तान के हैं, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। इन दोनों की मदद कश्मीर के आदिल ठोकर नाम के व्यक्ति ने की थी।

ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने की थी मदद

रिपोर्ट में पाकिस्तान आतंकियों को मदद करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्लू) के बारे में खुलासा हुआ है। ये स्थानीय लोग होते हैं। इनकी मदद से आतंकी लॉजिस्टिक सपोर्ट, जानकारी, मार्गदर्शन और छिपने की जगह ढूंढते हैं। अब तक पहलगाम आतंकी हमले में 150 से ज्यादा लोगों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं। OGW के संपर्क और सहयोगियों की सूची तैयार की गई है। उनके खिलाफ प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

एनआईए की जांच टीम ने 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में हुए हमले की 3D मैपिंग और घटनाक्रम को रिक्रिएट किया। इसमें सामने आया कि आतंकियों ने हथियार को बेताब घाटी में छुपाए थे। इसके अलावा फॉरेंसिक सबूत भी इकट्ठा किए गए। इसमें खाली कारतूस शामिल है। इसे जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेब भेजा गया है। माना जा रहा है कि एनआईए के महानिदेशक (डीजी) की अध्यक्षता में तैयार की गई यह रिपोर्ट जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय भेजी जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कार्रवाई की जाएगी। UN और FATF जैसे संगठनों में सबूत पेश किए जा सकते हैं।

Created On :   2 May 2025 2:23 PM IST

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