Operation Sindoor on Rajnath Singh: राजनाथ सिंह ने युद्ध और हथियारों को लेकर किया बड़ा खुलासा, कहा- '1971 जंग के लिए 6 महीने का मांगा था समय'

- पहलगाम हमले के पहले ही दिन तीनों सेनाओं के साथ हुई बैठक
- भारत की सेनाएं ऑपरेशन सिंदूर के लिए तुरंत हुई तैयार
- युद्ध की रणनीति और उसकी तैयारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। पहलगाम हमले के पहले ही दिन से भारत की तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) पाकिस्तान के भीतर घुसकर हमला करने को तैयार थे, लेकिन इसके पहले अगर किसी आतंकी हमले का बदला लेने के लिए सेनाओं को तीन-चार महीने युद्ध करने के लिए सोचना पड़ता था। बता दें कि पहलगाम हमला 23 अप्रैल को हुआ था। ये जानकारी रक्षा मंत्री ने दिल्ली में आयोजित सिविल-कर्मचारियों के एक कार्यक्रम में दी है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ये पहली बार हुआ कि इस ऑपरेशन के लिए तीनों सेनाओं ने किसी तरह के हथियारों की मांग नहीं की है।
ऑपरेशन सिंदूर के पहले हुई अहम मीटिंग
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस आतंकी हमले के अगले दिन तीनों सेना प्रमुखों के साथ आगे की रणनीति को लेकर बैठक हुई। इस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सेनाएं ऑपरेशन के लिए तैयार है तो तुरंत सभी ने हां में जवाब दिया।
रक्षा मंत्री ने 1971 युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इस युद्ध के पहले तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल सैम मानेकशॉ ने हमले की तैयारी के लिए 6 महीने का समय मांगा था। इसके अलावा कारगिल युद्ध के समय भी तत्कालीन थलसेना प्रमुख जनरल वी पी मलिक ने मौजूदा पर्याप्त हथियारों के लिए जंग लड़ने वाला बयान दिया था। इस दौरान उन्होंने आधुनिक हथियारों युद्ध लड़ने पर एतराज जताया था।
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा, "जब भी सेना युद्ध लड़ती है तो उसके शौर्य के पीछे, एक तरह से कहें तो पूरे देश का समर्थन होता है। एक सैनिक युद्ध लड़ता है, लेकिन उस सैनिक के साथ-साथ एक तरह से पूरा देश और पूरा सिस्टम युद्ध लड़ रहा होता है। इसलिए मैं आपसे युद्ध के विषय पर चर्चा कर रहा हूं, क्योंकि युद्ध की रणनीति और उसकी तैयारी में आपका योगदान बेहद महत्वपूर्ण होता है।"
सिविल-मिलिट्री समन्वय का बढ़ा महत्व
रक्षा मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि सिविल-मिलिट्री समन्वय का मौजूदा वक्त में महत्व बढ़ गया है। ऐसा इसलिए हुआ कि आज दुनिया में बड़ी अनिश्चित हो गई है। उन्होंने अनुमान लगाते हुए कहा कि दुनिया में जिन इलाकों में शांति है, वहां पर भविष्य में तनाव नहीं हो सकता है। आप खुद सोच सकते है आज से तीन-चार महीने पहले हमने कब सोचा था कि ऑपरेशन सिंदूर करना पड़ सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने कब सोचा था कि युद्ध जैसी स्थित हमारे दरवाजे पर खड़ी हो जाएगी।
Created On :   2 Aug 2025 12:08 AM IST