India Russia Oil Trade: डोनाल्ड ट्रंप के दावे का भारत ने सख्ती से किया खंडन, कहा- 'ट्रंप का दावा गलत और..'

- डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से तेल व्यापार पर दी टिप्पणी
- ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है
- भारत के सरकारी सूत्रों का बयान आया सामने
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया है कि, भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। ट्रंप के दावों के बाद सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया है कि, ये दावा बहुत ही ज्यादा भ्रामक है। भारत अब भी रूसी तेल को खरीद रहा है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया है कि, भारत का इंपोर्ट मूल्य है और कच्चे तेल की गुणवत्ता, मौजूदा भंडार, लॉजिस्टिक्स के साथ-साथ और भी कई कारकों पर ही बसा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, रूस दुनिया का सबसे बड़ा कच्चा तेल प्रोड्यूसर और एक्सपोर्टर है। रूस का दैनिक प्रोडक्शन क्षमता 9.5 मिलियन बैरल तक होती है। ये एक वैश्विक मांग का करीब 10 प्रतिशत है।
भारत ने ऊर्जा सुरक्षा पर दी प्रतिक्रिया
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एनर्जी कंज्यूमर है। ये अपने 85 प्रतिशत कच्चे तेल की जरूरतों को आयात पर ही पूरी करता है। ऐसे में भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित किया है और एक खास रणनीतिक निर्णय लिया है। भारत ने G7 और यूरपीय संघ की तरफ से लागू किए 60 डॉलर प्रति बैरल के प्राइस कैप का पालन किया है और रूस से तेल खरीदा है। भारत की सरकारी तेल कंपनियों ने ईरान और वेनेजुएला जैसे कई देशों से तेल अब तक नहीं खरीदा है।
भारत ने यूरोपीय दोहरापन पर क्या कहा?
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने रियायती रूस तेल नहीं खरीदा होता तो, ओपीईसी+ देशों की तरफ से 5.86 मिलियन बैरल हर रोज की कटौती की वजह से वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें 137 डॉलर से भी जाने की उम्मीद थी। इस वजह से ही महंगाई भी बहुत ही ज्यादा बढ़ सकती थी। यूरोपीय संघ की तरफ से रूस कच्चे तेल के लिए 47.6 डॉलर प्रति बैरल की नई प्राइस रेंज की अपील की है, जो कि सितंबर में लागू हो सकती है। लेकिन इन सबके बीच खुद यूरोप रूस से एलएनजी (liquefied natural gas) का सबसे बड़ा इंपोर्टर रहा है। एलएनजी का कुल एक्सपोर्ट का 51 प्रतिशत यूरोप ने खरीदा था, चीन ने 21 प्रतिशत और जापान ने 18 प्रतिशत तक खरीदा था।
ट्रंप के बयान पर भारत की प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूज एजेंसी के सवाल पर जवाब दिया था, मुझे सुनने को मिला है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। अगर ये सच है तो ये एक अच्छा स्टेप है। इसको लेकर ही भारत ने कहा है कि, ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और अंतर्राष्ट्रीय नियमों के दायरे में है।
Created On :   2 Aug 2025 1:15 PM IST