प्रधानमंत्री दिल्ली जनसंहार पर चुप्पी तोड़ें : ओवैसी

Prime Minister breaks silence on Delhi massacre: Owaisi
प्रधानमंत्री दिल्ली जनसंहार पर चुप्पी तोड़ें : ओवैसी
प्रधानमंत्री दिल्ली जनसंहार पर चुप्पी तोड़ें : ओवैसी
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हैदराबाद, 1 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को पूर्व नियोजित जनसंहार करार देते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को प्रधानमंत्री से अपनी चुप्पी तोड़ने और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाकर अपने संवैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने का आग्रह किया।

हैदराबाद के सांसद ने प्रधानमंत्री की हिंसा पर चुप्पी को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के लिए भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों को जिम्मेदार ठहराया। इस हिंसा में 40 से अधिक लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।

ओवैसी एआईएमआईएम के पुनरुत्थान की 62वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक सभा में बोल रहे थे।

सांसद ने कहा कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत का तूफान पैदा किया गया। उन्होंने आगाह किया कि यह देश के लिए अच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने दूसरे समुदाय के लोगों की जान बचाने के लिए अपने जीवन को खतरे में डाला, वो अंधेरे में आशा की किरण जैसे हैं।

दिल्ली हिंसा को लक्ष्य बनाकर की गई हिंसा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी जवाबदेही केंद्र की भाजपा सरकार की बनती है।

ओवैसी ने कहा कि उनका मानना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2002 के गुजरात जनसंहार से सबक सीखा है। लेकिन दो दशकों में दो जनसंहार हो गए।

उन्होंने कहा कि बीते साढ़े पांच सालों के दौरान सिर्फ मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाया गया है।

एआईएमआईएम नेता ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह दोनों समुदायों के मारे गए गरीबों व निर्दोष लोगों के लिए कुछ बोलें।

ओवैसी ने कुछ मामलों का जिक्र किया, जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो अधिकारी की हत्या, घायल मुस्लिम युवक, जिसे पुलिस द्वारा राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया और 85 साल की बुजुर्ग महिला को जिंदा जलाया जाना शामिल है।

सांसद ने कहा, श्रीमान प्रधानमंत्री, आप इन हत्याओं और तबाही को देखकर कैसे सो पाते हैं?

दिल्ली पुलिस की निंदा करते हुए ओवैसी ने पूछा कि उन्हें मुसलमानों से इतनी नफरत क्यों है?

ओवैसी ने दिल्ली हिंसा पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और अकाली दल की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

ओवैसी ने दोहराया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहेंगे।

Created On :   1 March 2020 7:30 PM IST

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