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दैनिक भास्कर हिंदी: प्रधानमंत्री का इशारा : दिल्ली चुनाव पुलिस कमिश्नर पटनायक कराएंगे!

हाईलाइट
- प्रधानमंत्री का इशारा : दिल्ली चुनाव पुलिस कमिश्नर पटनायक कराएंगे! (आईएएनएस पड़ताल)
नई दिल्ली, 22 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 2 नवंबर को वकीलों और पुलिस वालों के बीच खूनी संघर्ष, 5 नवंबर को दिल्ली के इतिहास में दूसरी बार राजधानी की पुलिस के हजारों कर्मियों और उनके परिवारों द्वारा दिल्ली पुलिस मुख्यालय का घेराव भला कौन भूल पाएगा!
इससे पहले, उत्तरी दिल्ली जिले के सिविल लाइंस थाना इलाके में उप-राज्यपाल निवास से चंद फर्लाग दूर प्रधानमंत्री मोदी की भतीजी से दिन-दहाड़े हुई झपटमारी। दिल्ली पुलिस द्वारा थानों में पीड़ितों के साथ बदसलूकी, गाली-गलौज किया जाना, देश की हुकूमत की नजर में दिल्ली पुलिस द्वारा राष्ट्रीय राजधानी का क्राइम-ग्राफ डाउन करने के लिए झपटमारी के मामलों को या तो दर्ज ही न करना या फिर झपटमारी की घटनाओं को जबरिया चोरी की धाराओं में दर्ज करवा देने का मुद्दा संसद में उठा था। और तो और, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी वर्ष 2017 के अपराध आंकड़ों में दिल्ली को क्राइम-कैपिटल घोषित किया जा चुका है।
आइए, अब ताजा घटनाक्रम पर गौर करें। 15 दिसंबर, 2019 रविवार को जामिया-जाकिर नगर, न्यू फ्रेंड्स कालोनी में खूनी संघर्ष हुआ। इसके ठीक एक दिन बाद, यानी सोमवार छोड़ मंगलवार 17 दिसंबर को, दोपहर बाद अचानक उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले के सीलमपुर-जाफरबाद इलाके का हिंसा में जल उठना। इसके बाद शुक्रवार देर शाम मध्य दिल्ली के दरियागंज इलाके में हिंसा-आगजनी जैसे तमाम बवालों के चलते सवाल उठ रहा था। सवाल यह कि क्या दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक खुद की कुर्सी सलामत रख पाएंगे? इससे भी ज्यादा जिज्ञासा भरा सवाल है कि कानून-व्यवस्था की दृष्टि से दिल्ली के इन बदतर हालात में मौजूदा पुलिस कमिश्नर पटनायक की कुर्सी अगर छिन गई तो फिर, चंद दिनों बाद संभावित दिल्ली विधानसभा चुनाव आखिर कौन कराएगा? कोई नया पुलिस कमिश्नर? नहीं।
रविवार का दिन (22 दिसंबर)। दिल्ली के रामलीला मैदान में सवा लाख से ज्यादा भीड़ वाली जनसभा को संबोधित करते वक्त, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी का नाम लिए बिना इशारा कर गए कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजधानी का पुलिस कमिश्नर नहीं बदला जाएगा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भले ही राजधानी की बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था का ही जिक्र नहीं किया हो, मगर उन्होंने देशभर में फैली हिंसा की निंदा करते हुए जनता से अपील की, हिंसा समाधान नहीं है। जो कुछ नाराजगी है, मोदी पर गुस्सा उतारो, न कि सरकारी और देश की संपत्ति पर।
प्रधानमंत्री के ये चंद अल्फाज केवल दिल्ली के पुलिस कमिश्नर पटनायक ही नहीं, बल्कि तमाम उन राज्यों के पुलिस मुखियाओं की भी कुर्सी की सलामती पर मुहर लगा गए, जिन राज्यों में इन दिनों एनआरसी को लेकर हिंसा-आगजनी फैली हुई है।
प्रधानमंत्री ने इन सबके लिए किसी भी राज्य की पुलिस को नहीं, बल्कि ओछी राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। इससे यह तो तय मानिए कि दिल्ली के मौजूदा पुलिस कमिश्नर पटनायक की कुर्सी हाल-फिलहाल में जामिया, जाकिर नगर, सीलमपुर, जाफराबाद या फिर दरियागंज दंगों की भेंट नहीं चढ़ेगी।
प्रधानमंत्री के भाषण से पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जिस तरह 45 दिन में दिल्ली में विधानसभा चुनाव कराए जाने की ओर या फिर चुनाव की घोषणा कर दिए जाने की ओर इशारा किया, उससे भी दिल्ली के मौजूदा पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को हिंदुस्तानी हुकूमत द्वारा सेवा-विस्तार दिया जाना तय माना जा रहा है।
दिल्ली के एक पूर्व पुलिस कमिश्नर ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर रविवार को प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के बाद आईएएनएस से कहा, पटनायक अभी कहीं नहीं जा रहे हैं। अगर देश की हुकूमत के सर्वे-सर्वा पीएम ही दंगों के लिए पुलिस को जिम्मेदार न मानते हों तो फिर, ऐसे में भला राज्य के पुलिस मुखिया को कुर्सी छिनने का डर क्यों सताएगा?
सन् 1990 के दशक में दिल्ली पुलिस कमिश्नर रहे एक पूर्व आईपीएस के मुताबिक, अमूल्य पटनायक का रिटायरमेंट 31 जनवरी, 2020 को तय है। दिल्ली के मौजूदा हालात मगर हाल-फिलहाल में अमूल्य से दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कुर्सी छीन लिए जाने जैसा कोई इशारा नहीं कर रहे हैं। इसकी अहम वजह दिल्ली में अबसे चंद दिन के अंदर कराया जाने वाला विधानसभा चुनाव भी है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा होने की उल्टी गिनती समझिए कि प्रधानमंत्री मोदी की रविवार को हुई रामलीला मैदान की जनसभा से शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार जब मुनासिब समझेगी, तब दिल्ली में चुनाव की घोषणा करवा लेगी। ऐसे में देश की हुकूमत भला उन अमूल्य पटनायक से कमिश्नरी क्यों छीनेगी, जिन्हें काफी समय से दिल्ली की जनता की नब्ज का ज्यादा नहीं, मगर थोड़ा-बहुत ही सही, अंदाजा तो है ही।
उधर, पिछले करीब एक सप्ताह के अंदर देश और दिल्ली में मची उठा-पटक से गृह-मंत्रालय में भी इस तरह की सुगबुगाहट शुरू हो गई है कि केंद्रीय हुकूमत फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव अमूल्य पटनायक की ही पुलिस-कमिश्नरी में कराने का मन बना चुकी है। जब विधानसभा चुनाव में गिने-चुने दिन ही बचे हैं तो ऐसे में अमूल्य पटनायक की जगह भला दूसरे या किसी नए आईपीएस को लाकर उसे पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पर सजाने से भला क्या फायदा होगा? ऐसे में अमूल्य पटनायक को ही तीन महीने का सेवा-विस्तार देना ज्यादा बेहतर रहेगा।
चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार अगर नए पुलिस कमिश्नर को दिल्ली में लाती भी है, तो उसके भी अपने बहुत से झंझट हैं। मसलन, सुप्रीम कोर्ट की गाइड-लाइंस के नजरिये से अग्मूटी कैडर का सीनियरटी के हिसाब से टॉप थ्री आईपीएस में से ही किसी को कमिश्नर बनाना होगा।
हालांकि, हरियाणा सरकार ने अपने मौजूदा पुलिस महानिदेशक मनोज यादव को सूबे की पुलिस का मुखिया बनाए जाने के वक्त गाइड लाइंस से अलग एक और ही जुगत निकाल ली थी, जिसके चलते मनोज यादव को, उनके एक दो बैच सीनियर आईपीएस अफसरों को नजरंदाज करके हरियाणा राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाया गया। दिल्ली में पुलिस कमिश्नर बदलने के लिए हरियाणा की तरह कोई जुगत तलाशने में गृह मंत्रालय दूर-दूर तक कोई विचार करता नजर नहीं आ रहा है।
मौजूदा हालात में दिल्ली का पुलिस कमिश्नर किसी अन्य सीनियर आईपीएस को बनाते समय केंद्र सरकार को इस पर भी विचार करना होगा कि उसकी सेवा का कम से कम 6 महीने का वक्त अभी बाकी बचा हो, वरना वो सीनियॉरिटी की कतार में अव्वल होते हुए भी, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर की गद्दी पर नहीं बैठ सकेगा।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
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