अभियोजन पक्ष ने कहा कानून के आधार पर बहस नहीं कर रहे उमर खालिद के वकील

Prosecution said Umar Khalids lawyer is not arguing on the basis of law
अभियोजन पक्ष ने कहा कानून के आधार पर बहस नहीं कर रहे उमर खालिद के वकील
दिल्ली हिंसा मामला अभियोजन पक्ष ने कहा कानून के आधार पर बहस नहीं कर रहे उमर खालिद के वकील
हाईलाइट
  • आपराधिक साजिश को गुप्त रूप से दिया अंजाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा के मामले में उमर खालिद के वकील की जमानत याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि याचिका को वेब सीरीज फैमिली मैन और फिल्म ट्रायल ऑफ शिकागो 7 संदर्भ दिया गया, कानून के आधार पर तर्क नहीं दिया गया।

खालिद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अमित प्रसाद ने कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से कहा कि खालिद के वकील के 17 बिंदुओं पर पहला तर्क यह था कि वह चाहता है कि उसकी याचिका पर फैसला सुनाया जाए। उन्होंने कहा लोग मर चुके हैं। आप मीडिया में प्रचार चाहते हैं और सुर्खियां बटोरना चाहते हैं।

उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एक स्पष्ट आपराधिक साजिश को गुप्त रूप से अंजाम दिया गया है। एसपीपी ने अदालत से कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए साजिश को साबित करना होगा और यह कि हिंसा स्वत:स्फूर्त विस्फोट नहीं थी। उमर खालिद के वकील ने कहा था कि जांच अधिकारी सांप्रदायिक था, एसपीपी ने बताया कि हिंसा के मामलों में पहला दोषी हिंदू समुदाय का एक व्यक्ति था और इससे यह साबित होता है कि यह सब खालिद के खिलाफ जानबूझकर नहीं किया गया था।

वह एक ऐसे मामले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि 25 फरवरी, 2020 को 150 से 200 लोगों की हिंसक भीड़ ने एक 73 वर्षीय मुस्लिम महिला के घर पर हमला किया, जब उसका परिवार घर पर मौजूद नहीं था और घर का सारा सामान लूट लिया। मामले का पहला दोषी दिल्ली के गोकुलपुरी के भागीरथी विहार का रहने वाला दिनेश यादव था, जिसे 8 जून, 2020 को गिरफ्तार किया गया था। खालिद पर साल 2020 में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   11 Jan 2022 9:30 PM GMT

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