विकास दुबे एनकाउंटर की एसआईटी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पीयूसीएल

PUCL reaches Supreme Court for SIT investigation of Vikas Dubey encounter
विकास दुबे एनकाउंटर की एसआईटी जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पीयूसीएल
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हाईलाइट
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नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सहयोगियों के कथित एनकाउंटर मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। संगठन ने इस मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने और एसआईटी में ऐसे अधिकारियों को शामिल करने का निर्देश देने की मांग की है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में सेवा न दी हो।

याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से उत्तर प्रदेश में हुई मुठभेड़ों और राज्य में मौजूद अपराधी-राजनेता सांठगांठ की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का भी आग्रह किया है।

याचिकाकर्ता ने मई 2018 में दायर याचिका का हवाला दिया, जिसमें जनवरी 2017 से मार्च 2018 के दौरान हुई 1,000 से अधिक मुठभेड़ों पर ध्यान आकर्षित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप 49 लोग मारे गए और 370 घायल हुए हैं।

याचिका में कहा गया है, याचिका के इस अदालत लंबित रहने की अवधि के दौरान आठ अक्टूबर, 2018 को दाखिल रिजॉइंडर हलफनामे में उल्लेखित मुठभेड़ों की संख्या बढ़कर 2,000 हो गई है, जबकि मौतों का आकंड़ा 66 तक पहुंच गया है। 2019 में एनकाउंटर की संख्या बढ़कर 5,178 हो गई, जिसमें 103 लोग मारे गए हैं और 1,859 घायल हुए हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने कई अन्य मानवाधिकार मुद्दों के बीच पुलिस मुठभेड़ों से संबंधित मुद्दा उठाया है, क्योंकि कानून-व्यवस्था और संविधान के अनुसार नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया है, पुलिस मुठभेड़/प्रशासनिक खात्मा एक गंभीर अपराध है, यह हत्या/गैर इरादतन हत्या है, जो पूरे समाज के खिलाफ एक अपराध है। यदि ऐसा अपराध राज्य की मदद से किया जाता है या जहां राज्य इस तरह का अपराध करता है, तो यह बहुत गंभीर मामला है। जो संविधान के अनुसार बनाए गए कानून के पूरे शासन पर सवाल उठाता है।

याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसले की धज्जियां उड़ा रही है और सरकार बड़े पैमाने पर मुठभेड़ों में संलिप्त है।

Created On :   11 July 2020 2:30 PM GMT

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