पंजाब की शांति भंग नहीं होनी चाहिए, सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए : हरीश रावत

Punjabs peace should not be disturbed, government should take action: Harish Rawat
पंजाब की शांति भंग नहीं होनी चाहिए, सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए : हरीश रावत
पंजाब की शांति भंग नहीं होनी चाहिए, सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए : हरीश रावत
हाईलाइट
  • पंजाब की शांति भंग नहीं होनी चाहिए
  • सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए : हरीश रावत

नई दिल्ली, 27 नवंबर (आईएएनएस)। कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा है कि पंजाब में स्थिति और खराब हो सकती है, क्योंकि यह एक संवेदनशील राज्य है और केंद्र सरकार को तनाव को कम करने के लिए किसानों की चिंताओं को तुरंत दूर करना चाहिए।

किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में बुराड़ी में एकत्र होने की अनुमति दी गई है।

रावत ने कहा, मुख्यमंत्री से साथ हम और हमारा नेतृत्व राज्य में स्थिति के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि भाजपा इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। पंजाब पाकिस्तान की सीमा से सटा एक संवेदनशील राज्य है, इसलिए हम नहीं चाहते कि शांति भंग हो।

रावत ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार के दौरान यह बातें कही। उन्होंने कहा, किसान आंदोलन पहला ऐसा आंदोलन है, जहां राजनीतिक दल किसानों के नक्शेकदम पर चल रहे हैं, क्योंकि अध्यादेश जारी होते ही सबसे पहले किसान ने अपनी आवाज उठाई थी।

कांग्रेस नेता ने कहा, किसानों को पता है कि एमएसपी खतरे में है और उन्हें डर है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को भी वापस लिया जा सकता है, इसलिए वे विरोध में आने लगे हैं। किसान यह कहते हैं कि जब पीडीएस वापस ले लिया जाएगा, तो उनके उत्पादों की कोई मांग नहीं होगी।

उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल और भाजपा राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं और भाजपा शहरी क्षेत्रों में प्रवेश करने की कोशिश कर रही है, जबकि उसने अकालियों को ग्रामीण मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है।

छह राज्यों - पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान और केरल के करीब 500 किसान संगठनों ने केंद्र सरकार पर हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए दबाव बनाने के लिए 26-27 नवंबर को आंदोलन करने की योजना बनाई थी।

रावत ने कहा कि किसान केवल यह मांग कर रहे हैं कि कानून में संशोधन किया जाए और एमएसपी क्लॉज डाला जाए। उन्होंने कहा, किसान केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कानूनों के खिलाफ है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के दोपहर का भोजन (लंच) आयोजित कराने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और दोनों नेताओं ने अपने-अपने बड़े दिल दिखाते हुए मिलने का फैसला किया। रावत ने किसानों के मुद्दे पर साथ आने के लिए दोनों को धन्यवाद दिया।

एकेके/एएनएम

Created On :   27 Nov 2020 8:30 PM IST

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