राफेल पर 50 शहरों में प्रेस कांफ्रेंस करेगी कांग्रेस, सरकार को घेरेंगे पार्टी के दिग्गज

राफेल पर 50 शहरों में प्रेस कांफ्रेंस करेगी कांग्रेस, सरकार को घेरेंगे पार्टी के दिग्गज
हाईलाइट
  • 4 दिनों तक प्रेस कांफ्रेंस करेंगे कांग्रेस के दिग्गज नेता
  • कांग्रेस का आरोप
  • सरकार ने SC को गुमराह किया
  • मोदी सरकार को छोड़ने के मूड में नहीं कांग्रेस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कांग्रेस राफेल मुद्दे पर सरकार को छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस ने अब भाजपा के अंदाज में ही उस पर वार करने की तैयारी की है। कांग्रेस 50 शहरों में 4 दिनों तक प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा पर हमला बोलने वाली है। इन प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस मोदी सरकार पर CAG ऑडिट के जरिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप भी लगाएगी। 

इन प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस के बड़े नेता मीडिया के सामने अपना पक्ष रखेंगे। कांग्रेस के पी चिदंबरम, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे वरिष्ठ नेताओं से लेकर जयवीर शेरगिल और प्रियंका चतुर्वेदी भी चार दिनों तर प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार को राफेल डील पर घेरेंग। 
 

बता दें कि इससे पहले भाजपा केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों ने देश के 70 शहरों में राफेल डील पर प्रेस कांफ्रेंस की थी। प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने के साथ ही बड़ी साजिश करने का आरोप भी लगाया था। इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली तक कांग्रेस के आरोपों को नकार चुके हैं। प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा ने सवाल उठाया था कि क्या राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट से भी ऊपर हैं? जो उसके आदेश को भी नहीं मान रहे हैं।
 

इससे पहले सोमवार को कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जेनरल (CAG) ने पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) को राफेल मामले में नई रिपोर्ट सौंपी थी, जिसके बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में PAC इस रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्लीन चिट मिलने के बाद कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि CAG ने PAC को राफेल की कीमतों से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को एक एफिडेविट दिया था और रिपोर्ट में तथ्यात्मक सुधार करने की मांग की थी।


दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर मोदी सरकार को बड़ी राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच को लेकर लगाई गई सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। SC के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि "राफेल सौदे में कोई संदेह नहीं है। राफेल की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं है। हमने सौदे की पूरी प्रक्रिया को ठीक से पढ़ा है। हमें किसी भी प्रकार की अनियमिता नजर नहीं आई। विमान की कीमत देखना हमारा काम नहीं है।" 

इसके बाद राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी थी। इसमें मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था कि CAG ने PAC को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है। राहुल ने कहा था, "सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि राफेल हवाई जहाज की कीमत की डिटेल CAG की रिपोर्ट में दी गई हैं और उसे लोक लेखा समिति (PAC) से साझा किया गया है। लेकिन मल्लिकार्जुन खड़गे PAC के अध्यक्ष हैं और ऐसी कोई रिपोर्ट उन्होंने देखी ही नहीं। उन्होंने कहा ये कैसे हो सकता है कि PAC अध्यक्ष को रिपोर्ट नहीं दिखी, PAC के सदस्यों को नहीं दिखी और सुप्रीम कोर्ट को दिख गयी।" 

इस कॉन्फ्रेंस के बाद बीजेपी में भूचाल आ गया था। उन्होंने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राफेल डील पर दिये गए फैसले में "तथ्यात्मक सुधार" की मांग की थी। सरकार ने नया पैंतरा लगाते हुए कहा था कि उससे पिछले एफिडेविट में व्याकरण संबंधी चूक हो गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सुधार तो किया ही साथ ही CAG को राफेल की कीमतों से जुड़ी रिपोर्ट PAC को सौंपने को कहा था।

Created On :   18 Dec 2018 9:06 AM IST

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