राहुल के निशाने पर जयंत सिन्हा, पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने की इस्तीफे की मांग
- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी जयंत सिन्हा के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया है।
- मामले में पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने भी जयंत सिन्हा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
- मॉब लिंचिंग मामले में जमानत पर छूटे 8 आरोपियों का स्वागत करने के मामले में जयंत सिन्हा फंसते नजर आ रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मॉब लिंचिंग मामले (अलीमुद्दीन हत्याकांड, रामगढ़) में जमानत पर छूटे 8 आरोपियों का केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने मिठाई खिलाते हुए स्वागत किया था। इस मामले में अब जयंत सिन्हा चारों ओर से घिरते हुए नजर आ रहे हैं। पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने पहले ही सिन्हा के इस्तीफे की मांग कर दी है। अब जयंत सिन्हा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निशाने पर भी आ गए हैं। राहुल ने इनके खिलाफ एक अभियान भी छेड़ दिया है।
राहुल गांधी ने अभियान चलाते हुए जयंत सिन्हा के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र का दर्जा वापस लेने की मांग वाली एक याचिका पर लोगों का समर्थन मांगा है। राहुल ने इस ऑनलाइन याचिका का लिंक शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर भी ट्वीट किया है।
राहुल ने पोस्ट में लिखा, "अगर आप एक निर्दोष व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या के दोषियों को बहुत पढ़े-लिखे सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा द्वारा माला पहनाने और सम्मान देने के दृश्य से विक्षुब्ध हैं तो इस लिंक पर क्लिक करें और इस याचिका का समर्थन करें।"
If the sight of a highly educated MP Central Minister, Jayant Sinha, garlanding honouring criminals convicted of lynching an innocent man, fills you with disgust, click on the link support this petition.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 10, 2018
Sign Petition:https://t.co/K9CrzHbNOz via @ChangeOrg_India
पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने की इस्तीफे की मांग
मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जूलियो रिबेरो, पूर्व सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला और 41 अन्य पूर्व नौकरशाहों ने जयंत सिन्हा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है। पूर्व नौकरशाहों ने एक बयान जारी कर कहा कि सिन्हा के इस कदम से ‘अल्पसंख्यकों की हत्या का लाइसेंस’ प्राप्त होने का संदेश जाता है। उन्होंने कहा कि इससे इस तरह के आपराधिक मामलों के आरोपियों की वित्तीय, कानूनी और राजनीतिक मदद को बढ़ावा मिलेगा।
जयंत सिन्हा ने दी सफाई
विवाद बढ़ता देख जयंत सिन्हा ने मामले में अपनी सफाई भी दी है। सिन्हा ने कहा, "भले ही मैंने इन लोगों का सम्मान किया है, पर मैं उनके कामों का समर्थन नहीं करता हूं। मैं अपना रुख स्पष्ट कर दूं कि मैं उनकी हरकत का समर्थन नहीं करता। मेरा रिकॉर्ड साफ है, मेरी मंशा साफ है मैं उनकी हरकत के साथ नहीं हूं। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि मेरी आलोचना करने से पहले कोर्ट का बेल ऑर्डर पढ़ें।"
गौरतलब है कि पिछले साल 29 जून को मांस कारोबारी अलीमुद्दीन अंसारी को कार में गोमांस ले जाने के शक में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। घटना रामगढ़ पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई थी। इसके बाद 21 मार्च को एक फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मामले में 11 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सिन्हा ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा मामले के दोषियों को हाल ही में जमानत दिए जाने पर खुशी व्यक्त की थी और दोषियों को माला पहनाकर मिठाई खिलाई थी।
Created On :   10 July 2018 7:54 PM IST