रेल यात्रियों का वेटिंग टिकट 'कन्फर्म' होने की संभावना बढ़ी : रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रेल यात्रियों के लिए "कन्फर्म टिकट" को लेकर एक अच्छी खबर सामने आ रही है। त्योहारों और शादी के सीजन में यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिलना काफी मुश्किल होता था, लेकिन रेलवे द्वारा दी गई नई ट्रेनों की सौगात ने इसे आसान कर दिया है। कंसल्टिंग सर्विस कंपनी रेलयात्री की स्टडी रिपोर्ट में सामने आया है कि रेलवे द्वारा इस बार दिवाली के दौरान स्पेशल और नई-नई ट्रेनों को चलाने जैसे प्रबंध के कारण वेटिंग लिस्ट के टिकट कन्फ़र्म होने की दर पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ी है।
टिकट कैंसिलेशन दर में भी गिरावट
ऐप के जरिए रेल संबंधी और अन्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाली रेलयात्री डॉट इन के अध्ययन से यह भी पता चलता है कि स्लीपर क्लास में पिछले साल की तुलना में इस साल औसतन वेटिंग लिस्ट नीचे आई है। साथ ही रेलवे में टिकट कैंसिल कराने की दर पिछले दो साल से 18 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि शेष वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिली। वर्ष 2015 में वेटिंग लिस्ट के टिकटों के निरस्तीकरण की दर 25.5 प्रतिशत थी जो 2016 और 2017 में 18 प्रतिशत पर बरकरार है।
लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकट कन्फर्म
रिपोर्ट के अनुसार दिवाली की छुट्टियों के दौरा देहरादून-हावड़ा दून एक्सप्रेस, पुणे-जम्मू तवी झेलम एक्सप्रेस समेत कई लंबी दूरी की ट्रेनों में टिकट कन्फर्म होने की दर वर्ष 2016 में क्रमश: 38.50 फीसदी और 52.00 फीसदी थी। 2017 में यह दर क्रमश: 60.40 फीसदी और 64. 90 फीसदी हो गई। इसी तरह छत्रपति टर्मिनस से हावड़ा सुपरफ़ास्ट मेल (गया के रास्ते) में टिकट कन्फर्म होने की दर 2016 में 40.0 प्रतिशत के मुकाबले 2017 में दिवाली के दौरान 50.40 प्रतिशत हो गई। पुणे-जम्मूतवी झेलम एक्सप्रेस, पुणे-दानापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस और बेंगलुरु-दानापुर संघमित्रा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में भी टिकट कन्फर्म होने की स्थिति भी सुधरी है।
स्लीपर क्लास में भी वेटिंग लिस्ट नीचे
रेल यात्री के सह संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी मनीष राठी ने कहा, हर साल दीवाली एवं अन्य त्योहारों के दौरान रेल टिकट की भारी मांग होती है और कई यात्री को कन्फर्म टिकट नहीं मिल पाती। हालांकि आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ ही लोगों को अपने टिकट कैंसिल कराने पड़े। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि स्लीपर क्लास में पिछले वर्ष की तुलना में इस साल औसतन वेटिंग लिस्ट नीचे आई है। अवकाश के दौरान, कोटा-पटना एक्सप्रेस में स्लीपर क्लास में 2016 में औसतन वेटिंग लिस्ट 813 थी जो 2017 में घटकर 735 पर आ गई।
भागलपुर-मुंबई लोकमान्य तिलक सुपर फास्ट एक्सप्रेस में वेटिंग लिस्ट 2017 में घटकर 727 पर आ गई जो 2016 में 736 थी। इसी प्रकार, अहमदाबाद-हरिद्वार योग एक्सप्रेस, यंशवंतपुर-हावडा सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों में भी वेटिंग लिस्ट घटी है। राठी का कहना है कि इसका एक प्रमुख कारण रेलवे द्वारा दिवाली के समय 29 विशेष ट्रेनें और कुछ नई ट्रेनों को चलाना है।
Created On :   18 Nov 2017 7:34 PM IST