राम मंदिर मामले में श्री श्री रविशंकर ने इमामों और संतों से की मुलाकात

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। अयोध्या में राम मंदिर विवाद में अब हिंदुओं के बड़े धर्म गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के फाउंडर श्री श्री रविशंकर मध्यस्ता करते नजर आ सकते हैं। इस मामले में दोनों धर्मों के पक्षकारों ने श्री श्री से संपर्क साधा है। साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्री श्री ने इस बात का खुलासा किया है कि वो खुद इस मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। श्री श्री ने कहा कि वो राम मंदिर के मुद्दे को अदालत से बाहर सुलझाने चाहते हैं। फिलहाल मामले को लेकर वो कई इमामों और संतों के संपर्क में हैं, जिनमें निर्मोही अखाड़े के आचार्य रामदास का नाम भी शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्री श्री ने बेंगलुरु में निर्मोही अखाड़े और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इमामों को इस मुद्दे पर बातचीत के लिए बुलाया था। श्री श्री ने बताया कि बातचीत में निर्मोही अखाड़े और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कोर्ट के बाहर सैटलमेंट करने की पेशकश की है और इस पर सकारात्मक रुख देखने को मिला है। श्री श्री ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर एक ऐसे मंच की जरूरत है, जहां दोनों समुदाय के लोग अपने एक दूसरे के प्रति भाईचारा दिखा सके।
आपको बता दें इसी तरह की बातचीत की कोशिशें एक बार पहले 2003-04 के बीच भी की जा चुकी हैं, लेकिन तब बात नहीं बन पाई थी। उन्होंने कहा कि अब हालात काफी बदल चुके हैं और लोगों की सोच भी, अब लोग शांति चाहते हैं।" इसके साथ ही उन्होंने साफ किया कि ये प्रयास वो खुद कर रहे हैं और ये पूरी तरह अराजनीतिक है।
इस बारे में मिल रही खबरों के अनुसार श्री श्री रविशंकर से निर्मोही अखाड़ा और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआइएमपीएलबी) के कुछ सदस्य मिले हैं और उन्होंने आध्यात्मिक गुरु से ये अनुरोध किया है कि वो दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय बने इस मसले को हल करने के लिए मध्यस्थता की कोशिशे करें। श्री श्री ने ये भी साफ किया कि "अभी इस मामले में कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी। मैं चाहता हूं कि इस पूरे मसले को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जाए। दोनों समुदायों को साथ आकर उदारता दिखानी चाहिए।"
सुप्रीम कोर्ट ने भी आपसी बातचीत कर मामला सुलझाने की दी थी सलाह
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट पहले ही अपनी राय दे चुका है कि दोनों पक्ष कोर्ट के बाहर ये मामला सुतलझा लें। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च महीने में राम मंदिर मामले पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा था कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है और इसे बाहर ही सुलझाया जाना चाहिए।
कोर्ट के निर्देश के बाद रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने की कवायद शुरू हो गई है।
Created On :   28 Oct 2017 1:46 PM IST