देश का हर व्यक्ति राष्ट्र निर्माता, राष्ट्रपति बनने के बाद बोले रामनाथ कोविंद

By - Bhaskar Hindi |27 July 2017 8:26 AM IST
देश का हर व्यक्ति राष्ट्र निर्माता, राष्ट्रपति बनने के बाद बोले रामनाथ कोविंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर आज रामनाथ कोविंद ने शपथ ली। उन्हें चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने पद की शपथ दिलाई। इसी के साथ प्रणब मुखर्जी अब पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं। नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि ''मैं भी संसद का सदस्य रहा हूं। संसद में कई बार हम सहमत हुए, कई बार असहमत भी रहे, लेकिन उसके बावजूद हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। देश का हर व्यक्ति राष्ट्र निर्माण का कार्य करता है। भारत में रहने वाला हर नागरिक, किसान, पुलिस, सेना, महिलाएं, वैज्ञानिक, डॉक्टर, आदिवासी, स्टार्टअप करने वाला नौजवान सभी लोग राष्ट्र निर्माता हैं और सभी मिलकर ही राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं। मैं देश के सभी नागरिकों का आभार व्यक्त करता हूं और उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।''
रामनाथ कोविंद ने कहा कि 21वीं सदी का भारत ऐसा भारत है, जो अपने पारंपरिक मूल्यों के साथ-साथ औद्योगिक क्रांति को भी साथ लेकर आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का विकास सरकारें नहीं कर सकतीं । वो सिर्फ एक सहायक हो सकती हैं। राष्ट्र का विकास नागरिक ही मिलकर कर सकते हैं। उन्होने कहा कि एक राष्ट्र के तौर पर हमने बहुत कुछ हासिल किया है, लेकिन अभी और ज्यादा हासिल करने के लिए हमें और प्रयास करने होंगे। हमारी कोशिश समाज के आखिरी व्यक्ति तक विकास को पहुंचाने की होनी चाहिए तभी हम एक ऐसा समाज बना पाएंगे, जिसकी कल्पना महात्मा गांधी और दीनदयाल उपाध्याय ने की थी।
12:15 बजे रामनाथ कोविंद को चीफ जस्टिस जेएस खेहर राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। संसद के सेन्ट्रल हाल में कोविंद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण की। उसके बाद 10 मिनट के भाषण में उन्होंने देशवासियों के नाम से सम्बोधन प्रारम्भ किया। सेंट्रल हॉल में राष्ट्रगान कार्यक्रम की शुरुआत और समाप्ति पर गाया गया। राष्ट्रपति बनते ही रामनाथ कोविंद ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, चीफ जस्टिस जेएस खेहर, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और पीएम मोदी समेत हॉल में मौजूद सभी सांसदों का अभिवादन किया। उनके भाषण की कुछ प्रमुख बातें।

-राष्ट्रपति पद का दायित्व सौपने के लिए सभी सांसदों का धन्यवाद किया।
-संसद में हम कई बार सहमत हुए, कई बार असहमत रहे। लेकिन उसके बावजूद हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।
-देश के सभी नागरिकों का भी वंदन किया और कहा कि मैं आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।
-बाबा साहब अंबेडकर ने हम सभी में गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया।
-21वीं सदी का भारत ऐसा भारत होगा, जो परंपरा और औद्योगिकी क्रांति को साथ लेकर आगे बढ़ेगा।
-राष्ट्र निर्माण अकेले सरकार नहीं कर सकती। सरकार सिर्फ सहायक हो सकती है। हमें भारत की संस्कृति, परंपरा, देश के नागरिकों पर गर्व है।
-साथियों इसकी विविधता ही हमारी संस्कृति की पहचान है।
-हम बहुत अलग हैं लेकिन एक हैं।
-21वीं सदी का भारत सबल होगा।
-हमें अपनी परंपरा और आधुनिकता को साथ लेकर चलना है।
-डिजिटल इकोनॉमी के रूप में उभरना है।
-21वीं सदी का भारत सबल होगा।
-हमें अपनी परंपरा और आधुनिकता को साथ लेकर चलना है।
-डिजिटल इकोनॉमी के रूप में उभरना है।
-हमें गर्व है समावेशी विचारधारा पर।
-हमें गर्व है देश के प्रत्येक नागकि पर।
-हमें गर्व है अपनी संप्रभुता का।
-प्रत्येक व्यक्ति विरासत सहेजता है।
-किसान जो तपती धूप में अन्न उपजा रहा है वह भी राष्ट्रनिर्माता है।
-जो वैज्ञानिक अपना काम कर रहा है, अविष्कार कर रहा है वो राष्ट्र निर्माता है।
-एक स्टार्ट अप विकसित कर रोजगार देने वाला भी राष्ट्र निर्माता है।
-हमें गर्व है देश के प्रत्येक नागकि पर।
-हमें गर्व है अपनी संप्रभुता का।
-प्रत्येक व्यक्ति विरासत सहेजता है।
-किसान जो तपती धूप में अन्न उपजा रहा है वह भी राष्ट्रनिर्माता है।
-जो वैज्ञानिक अपना काम कर रहा है, अविष्कार कर रहा है वो राष्ट्र निर्माता है।
-एक स्टार्ट अप विकसित कर रोजगार देने वाला भी राष्ट्र निर्माता है।

चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने उन्हें शपथ दिलाई। सेंट्रल हॉल में जनगणमन का गान हुआ। मंच पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, चीफ जस्टिस जेएस खेहर, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद रहे। प्रणब मुखर्जी ने नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति की कुर्सी पर बिठाया। उनके भाषण की कुछ प्रमुख बातें।

इससे पहले रामनाथ कोविंद ने 10:30 बजे राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद राष्ट्रपति भवन पहुंचकर प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन की लाइब्रेरी में मुलाकात की, जहां 'प्रणब दा' ने उन्हें राष्ट्रपति भवन के अंदर लगी तस्वीरों के बारे में बताया और फूल देकर उनका स्वागत किया। इसके बाद रामनाथ कोविंद और प्रणब मुखर्जी एक ही कार में प्रेसिडेंशियल बॉडी गार्ड (घोड़ों का इस्तेमाल करने वाली दुनिया की एकमात्र फ़ोर्स) और पूरे लाव-लश्कर के साथ संसद भवन पहुंचे। संसद भवन के सेन्ट्रल हाल में तय कार्यक्रम के मुताबिक देश के सर्वोच्च पद की उन्हें शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कोविंद के लगभग 11 रिश्तेदार संसद भवन पहुंच थे। इसमें उनके भाई-भतीजों और भांजे सहित अन्य करीबी शामिल थे।
Created On :   25 July 2017 10:56 AM IST
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