सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने दिया इस्तीफा, कहा 'परिवार के साथ बिताएंगे समय'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने शुक्रवार को व्यक्तिगत कारणों से सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि यह देश का दूसरा सबसे सीनियर लीगल ऑफीसर का पद है। कानून एवं न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद के कार्यालय को रंजीत कुमार का इस्तीफा आज मिला। अभी कुछ महीने पहले ही अटॉर्नी जनरल के पद से मुकुल रहतोगी ने भी इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने सरकार को लिखे पत्र में कहा था कि अटार्नी जनरल के रूप में दूसरे कार्यकाल में उनकी दिलचस्पी नहीं है। माना जा रहा है कि सरकार अपनी कानूनी टीम को फिर से गठन करना चाहती है, इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है।
हालांकि रंजीत कुमार ने कहा कि "उन्होंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है और वह अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं। सलिसिटर जनरल के रूप में उनका अनुभव शानदार रहा और सरकार के व्यवहार से वह पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्हें 07 जून 2014 से तीन वर्ष के लिए सॉलिसिटर जनरल बनाया गया था। वह सुप्रीम कोर्ट के कई मामलों में गुजरात सरकार और एमआईसीस के वकील रहे थे। रंजीत कुमार ने तमिलनाडु की सीएम जयललिता के लिए बंगलौर की अदालत में लंबित संपत्ति के मामले में उनका केस भी लड़ा था।
बता दें कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद सॉलिसीटर जनरल के रूप में उनका दूसरा कार्यकाल हाल ही में शुरू हुआ था। वहीं कुछ महीने पहले यह चर्चा थी कि सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम शीर्ष अदालत के जस्टिस पद के लिए उनके नाम पर विचार कर रही है। एडिशनल सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने भी उनके इस्तीफे की पुष्टि की है।
कॉन्स्टिट्यूशनल लॉ एक्सपर्ट हैं कुमार
रंजीत कुमार को कॉन्स्टि्टूशनल लॉ, सर्विस मैटर्स और टेक्सेशन का एक्सपर्ट माना जाता है। सोहराबुद्दीन शेख फेक एनकाउंटर केस में SC में गुजरात सरकार को रिप्रेजेंट किया।
तुषार मेहता बन सकते हैं नए सॉलिसीटर जनरल
रंजीत कुमार के इस्तीफे के बाद ऐसी खबरें हैं कि तुषार मेहता देश के नए सॉलिसीटर जनरल बन सकते हैं, फिलहाल वह एडिशनल सॉलिसीटर जनरल हैं। राइट टू प्राइवेसी, रोहिंग्या शरणार्थी समेत कई मामलों में मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष जोरदार तरीके से रखा है।
Created On :   20 Oct 2017 5:26 PM IST