आरपीएफ ने टिकट घोटाले का भंडाफोड़ किया, आतंकी फंडिंग का भी शक

RPF busts ticket scam, terrorist funding also suspected
आरपीएफ ने टिकट घोटाले का भंडाफोड़ किया, आतंकी फंडिंग का भी शक
आरपीएफ ने टिकट घोटाले का भंडाफोड़ किया, आतंकी फंडिंग का भी शक
हाईलाइट
  • आरपीएफ ने टिकट घोटाले का भंडाफोड़ किया
  • आतंकी फंडिंग का भी शक

नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकी फंडिंग के लिंक के साथ टिकट घोटाले का खुलासा करने का दावा किया है।

आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, टिकट दलालों के खिलाफ पिछले साल ऑपरेशन थंडरस्टॉर्म शुरू करने के बाद हमारे रडार पर गुलाम मुस्तफा नामक व्यक्ति आया।

कुमार ने कहा, मुस्तफा को इस साल की शुरुआत में भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था, और आरपीएफ ने उसके पास से दो लैपटॉप बरामद किए, जिनमें एएनएमएस नाम का सॉफ्टवेयर था। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से उन्होंने अवैध टिकटिंग को रोकने के लिए स्थापित तमाम बाधाओं को पार कर लिया, जैसे कैप्चा देना और बैंक का ओटीपी।

उन्होंने कहा कि इसके बाद घोटालेबाजों ने एकत्रित धन को गुप्त धन (क्रिप्टो करेंसी) में बदलते हुए इसे इंटरनेट के माध्यम से विदेश भेज दिया, जिसका कथित रूप से आंतकी वित्त पोषण (टेरर फंडिंग), मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य चीजों में इस्तेमाल किया गया।

कुमार ने कहा, हमने दुबई में हामिद अशरफ नामक एक व्यक्ति की पहचान की है और उस पर गिरोह का मास्टरमाइंड होने का संदेह है।

उन्होंने कहा कि अशरफ को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), रेलवे अधिकारियों और स्थानीय पुलिस ने 2016 में उत्तर प्रदेश के बस्ती से गिरफ्तार किया था, लेकिन जमानत मिलने के बाद वह नेपाल के रास्ते दुबई भाग गया।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), कर्नाटक पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा मुस्तफा से पूछताछ के दौरान यह पाया गया कि वह डार्कनेट का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग के लिए मुद्रा को क्रिप्टो मुद्रा में बदलने का काम कर रहा था।

मुस्तफा ने 563 व्यक्तिगत आईआरसीटीसी आईडी का भी उपयोग किया, जो कि एएनएमएस सॉफ्टवेयर और लगभग 3,000 बैंक खातों के माध्यम से कन्फर्म टिकट बुक करते हैं।

आरपीएफ के महानिदेशक ने कहा, उनके लैपटॉप की जांच से पता चला कि वह पाकिस्तान स्थित तबलीक-ए-जमात का समर्थक है और उसके पास कई पाकिस्तानी, बांग्लादेशी, खाड़ी देशों के, इंडोनेशियाई और नेपाली नंबर थे। उसके पास नकली आधार और पैनकार्ड बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर भी था। उनके लैपटॉप में कई पाकिस्तानी सॉफ्टवेयर और कई संदेश पाए गए हैं।

आरपीएफ ने एक सॉफ्टवेयर कंपनी की भी पहचान की है जो समूह से धन प्राप्त कर रही थी। सिंगापुर पुलिस द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कंपनी की जांच की जा रही है।

कुमार ने कहा, हमने समूह के तकनीकी विशेषज्ञ माने जाने वाले गुरुजी नाम के एक व्यक्ति का भी पता लगाया है, जिसे हाल ही में मुस्तफा से 13 लाख रुपये मिले थे।

आरपीएफ अधिकारी ने कहा, हमने मुस्तफा की पूछताछ के आधार पर 27 लोगों को गिरफ्तार किया है।

Created On :   21 Jan 2020 8:30 PM IST

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