मिग-29K को भारत में बनाना चाहता है रूस

Russia keen on joint development of MiG-29 K jets with Indian firms
मिग-29K को भारत में बनाना चाहता है रूस
मिग-29K को भारत में बनाना चाहता है रूस

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना से अरबों डालर के संभावित आर्डर को देखते हुए रूसी मिलिटरी एविएशन फर्म एमआईजी ने किसी भारतीय कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में भारत में मिग-29 युद्धक विमान के निर्माण और तकनीकी हस्तांतरण की संभावना से इनकार नहीं किया है। एमआईजी के मुख्य कार्यकारी लियो तारासेंको ने बताया कंपनी जल्दी ही नौसेना को आपूर्ति किए जाने के लिए मिग-29 युद्धक विमान के संयुक्त उद्यम के रूप में भारत में निर्मित करने के बारे में मोदी सरकार के समक्ष विस्तृत प्रस्ताव देने पर विचार कर रही है।

उन्होंने कहा हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मिग-29के युद्धक विमान के संयुक्त उद्यम के रूप नें निर्माण के लिए परस्पर सहयोग के दीर्घकालिक विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा भारत और रूस के बीच प्रतिरक्षा के क्षेत्र में लंबे समय से निर्भरता और सहयोग का रिश्ता रहा है। मिग-29 युद्धक विमान के निर्माण के लिए संयुक्त उद्यम की स्थापना के रूप में इन रिश्तों को हम आगे भी जारी रखने का प्रयास करेंगे। 

नौसेना खरीदेगी 57 युद्धक विमान
भारतीय नौसेना ने जनवरी में अपने विभिन्न जलपोतों के लिए 57 बहु-उद्देश्यीय युद्धक विमान खरीदने के लिए दुनिया की सभी प्रमुख फाइटर जेट विमान निर्माता कंपनियों से सूचना प्रस्ताव (रिक्वेस्ट फार इन्फार्मेशन) आमंत्रित किए थे। इस समय भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनाती के लिहाज से राफेल(दसाल्ट, फ्रांस), एफ-18 सुपर होर्नेट(बोइंग, यूएस), मिग-29के (रूस), एफ-35बी और एफ-35सी (लाकहीड मार्टन यूएस) और ग्रिपिन (साब, स्वीडन) छह युद्धक विमानों को उपयुक्त माना जा रहा है। इनमें से राफेल और मिग-29के

दो इंजन वाले जेट विमान हैं, जबकि अन्य में एक ही इंजन है। तारासेंको ने कहा मिग भारतीय सेना को 50 साल से अधिक समय से युद्धक विमान, उससे जुड़ी सेवाएं और उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी भारत के साथ अपने संबधों को और प्रगाढ़ करना चाहता है। रूस भारत को प्रतिरक्षा सामग्री आपूर्ति करने वाले देशों में प्रमुख है। लियो तारासेंको ने कहा पूर्व भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली की जून में रूस की यात्रा के दौरान तकनीकी हस्तांतरण और अत्याधुनिक हथियारों के संयुक्त विकास पर विस्तार से बातचीत की गई थी। 

बोइंग से है मुकाबला
मिग-29के भारतीय नौसेना के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। इस विमान को सीरिया में चलाए गए सैन्य अभियान के दौरान विमानवाहक पोत एडमिरल कुज्नेत्सोव पर तैनात किया गया था। मिग-29के ने जमीनी लक्ष्यों समेत सभी स्तर पर बेहतर परिणाम दिए थे। उन्होंने बताया हाल ही में मालाबार सैन्य अभ्यास के दौरान भारत, अमेरिका और जापान के बीच किए गए सैन्य अभ्यास में भी भारतीय विमान वाहक पोत विक्रमादित्य पर तैनात मिग-29के ने युद्ध की स्थिति में अपवी बेचूक मारक क्षमताओं का बखूबी प्रदर्शन किया था।

तारासेंको ने दावा किया कि मिग-29के एयरक्राफ्ट को, बोइंग के एफ/ए-18 युद्धक विमान की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा मिग-29के रूसी नौसेना स्क्वैंड्रन के 2916 के अनेक अभियानों में इस युद्धक विमान की मारक क्षमता को परखा जा चुका है। अमेरिकी कंपनी बोइंग ने भी नौसेना को आपूर्ति मिलने की स्थिति में संयुक्त उद्यम के रूप में भारत में एफ/ए-18 सुपर हार्नेट विमानों के निर्माण का प्रस्ताव किया है। 

Created On :   17 Sept 2017 9:50 PM IST

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