रूस-यूक्रेन संघर्ष से पता चलता है, आत्मनिर्भर होना जरूरी

Russia-Ukraine conflict shows, it is necessary to be self-reliant
रूस-यूक्रेन संघर्ष से पता चलता है, आत्मनिर्भर होना जरूरी
राजनाथ रूस-यूक्रेन संघर्ष से पता चलता है, आत्मनिर्भर होना जरूरी
हाईलाइट
  • 41 जहाजों और पनडुब्बियों में से 39 भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं।

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डाला है कि आत्मनिर्भर होना एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

सिंह ने नौसेना के कमांडर सम्मेलन के दौरान कहा कि भारतीय नौसेना, जो सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल में सबसे आगे रही है, को आगे बढ़ते रहना चाहिए और भारत के समुद्री व्यापार, सुरक्षा और राष्ट्रीय समृद्धि के एक आवश्यक गारंटर बने रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, यह जानकर खुशी हो रही है कि आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप नौसेना ने अपने पूंजी बजट का 64 प्रतिशत से अधिक अर्थव्यवस्था में पुन: निवेश किया है। मुझे बताया गया है कि आधुनिकीकरण बजट का चालू वित्तवर्ष में स्वदेशी खरीद की ओर 70 प्रतिशत तक बढ़ना तय है।

रक्षा मंत्री ने पिछले कमांडर सम्मेलन के बाद आईएनएस हंसा (गोवा), आईएनएस विशाखापत्तनम, पी15बी परियोजना का पहला जहाज, चौथी पी75 पनडुब्बी आईएनएस वेला और नौसेना की दूसरी पी8आई स्क्वाड्रन आईएनएएस 316 के बाद से प्रमुख नौसेना इकाइयों की कमीशनिंग पर नौसेना की सराहना की।

उन्होंने यह भी कहा कि 41 जहाजों और पनडुब्बियों में से 39 भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, नौसेना स्वदेशीकरण में सबसे आगे रही है, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अब तक हमने जो प्रगति की है, उसका लाभ उठाएं।

उन्होंने कहा, मैं वरिष्ठ नेतृत्व से भविष्य की क्षमता विकास पर अपना ध्यान बनाए रखने का आग्रह करता हूं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश की समुद्री शक्ति हमारे आर्थिक हितों के अनुरूप बढ़े।

उन्होंने कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत, विक्रांत की डिलीवरी एक और मील का पत्थर जैसी घटना होगी।

सिंह ने कहा, मुझे पता है कि जहाज ने तीन समुद्री परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। हमारी आजादी के 75वें वर्ष में जहाज को वितरित और चालू करने के लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत है। यह आजादी का अमृत महोत्सव पहल के प्रति एक उपयुक्त सम्मान होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना ने सैन्य कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इनमें मोजाम्बिक को दो फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट उपहार में देना, मित्र देशों से जहाजों की मरम्मत के लिए तकनीकी सहायता, मित्र राष्ट्रों के विशेष आर्थिक क्षेत्र की संयुक्त निगरानी और पिछले छह महीनों में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यास शामिल हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, मिलान बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास में 39 मित्र देशों की भारी भागीदारी को देखकर मुझे भी खुशी हुई।

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि नौसेना भारत में विदेशी कर्मियों को भी प्रशिक्षण दे रही है और पिछले चार दशकों में 45 से अधिक मित्र देशों के 19,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।

उन्होंने कहा कि भविष्य के किसी भी युद्ध में संयुक्त संचालन महत्वपूर्ण है और सैन्य कमानों का पुनर्गठन और संयुक्त थिएटर कमांड की स्थापना आगे का रास्ता है।

सिंह ने कहा, मुझे पता है कि समुद्री थिएटर कमान पर अध्ययन की दिशा में पर्याप्त प्रगति हुई है।

उन्होंने फ्रंटलाइन जहाजों और जहाज से उड़ने वाले विमानों में महिला अधिकारियों की नियुक्ति के लिए भी नौसेना की सराहना की। इसके अलावा, नौसेना इस साल जून से राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के माध्यम से महिला कैडेटों को भी शामिल करेगी।

 

एसजीके/एएनएम

Created On :   28 April 2022 7:00 PM IST

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