रूसी न्यूक्लियर-रिएक्टर पुजरें की आपूर्ति फिर से हुई सामान्य
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। न्यूक्लियर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस से परमाणु रिएक्टर के पुर्जे प्राप्त करने में कुछ शुरूआती अड़चनों के बाद अब भारत इसे आसानी से प्राप्त कर रहा है। एनपीसीआईएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, कुछ शुरूआती दिक्कतों के बाद रूस से रिएक्टर कंपोनेंट की आपूर्ति अब सामान्य हो गई है। अधिकारी ने कहा- कोविड महामारी के दौरान भी हमें जहाज नहीं मिले। संघर्ष के बाद पश्चिमी देशों के जहाज रूस से भारत में परमाणु घटकों के परिवहन के लिए उपलब्ध नहीं थे। हमने सार्वजनिक क्षेत्र की शिपिंग कंपनियों से संपर्क किया और उन्होंने कुछ जहाजों का इंतजाम किया। बाद में रूस के रोसाटॉम ने कल-पुजरें के परिवहन के लिए जहाजों का इंतजाम किया। अब आपूर्ति सामान्य हो गई है और कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
एनपीसीआईएल के एक अधिकारी के अनुसार, तमिलनाडु में रूस से कुडनकुलम तक घटकों (कल-पुजरें) के परिवहन की जिम्मेदारी एनपीसीआईएल की थी। भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र संचालक भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) वर्तमान में कुडनकुलम में प्रत्येक 1,000 मेगावाट क्षमता के चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (इकाई 3, 4, 5 और 6) का निर्माण कर रहा है। कुडनकुलम में पहले से ही 1,000 मेगावाट के दो संयंत्र (यूनिट 1 और 2) चालू हैं। सभी छह इकाइयां रोसाटॉम द्वारा आपूर्ति की गई रूसी प्रौद्योगिकी और उपकरणों के साथ बनाई गई हैं। तीसरी और चौथी इकाई के निर्माण के लिए प्रमुख उपकरण रूस से कुडनकुलम पहुंच चुके हैं। पांचवीं और छठी इकाइयों के लिए बड़ी संख्या में पुर्जे रूस से आने हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   18 Feb 2023 7:00 PM IST